Heritage Wine Mahua को और बढ़ावा, SHG को मिलेंगे ठेके

मध्य प्रदेश सरकार SHG को और अधिक आर्थिक मजबूत करने के साथ महुआ शराब को नया एंगल देने जा रही. अब शासन Self Help Group को ठेके देने का प्लान कर रही. मध्य प्रदेश में पहले ही आदिवासियों की संस्कृति से जुडी महुआ शराब को हैरिटेज वाइन का दर्जा दे चुकी. 

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SHG के मिलेंगे ठेके Banner

डिंडोरी जिले में SHG की महिलाएं महुआ से शराब बनाती हुईं (Image: Ravivar Vichar)

Goverment of MP ने बड़ा निर्णय लेते हुए हैरिटेज वाइन यानि महुआ शराब को और अधिक पॉपुलर करने के लिए महुआ शराब के ठेके देने जा रही. इसके लिए शासन के आबकारी विभाग और महिला वित्त निगम ने टेंडर भी जारी कर दिए. मध्य प्रदेश में महुआ से बनने वाली शराब को Heritage Mahua Wine  से Self Help Group को जोड़ने काम शुरू कर चुकी है.

MP की Heritage Mahua Wine की होगी मार्केटिंग 

MP में कभी आदिवासी इलाके तक सिमित महुआ उत्पादन और शराब को देशभर में पहचान दिलाने के लिए नई पहल की. शासन ने ठेके की  प्रक्रिया शुरू कर दी. बाकायदा इसके लिए टेंडर (Tender) जारी भी कर दिए. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इस रोजगार से जोड़ा जाएगा. पिछले कुछ सालों में SHG की महिलाएं महुआ का एक्सपोर्ट भी कर रहीं. MP के अलावा Chhattisgarh में भी SHG की महिलाएं महुआ का कारोबार कर रहीं.

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हाट बाज़ारों में महुआ के फूल बेचती हुई आदिवासी महिलाएं (Image: Ravivar Vichar) 

   
इस काम के लिए Marketing Agency For Heritage Wine को ख़ास भूमिका में रखा गया है. यह Self Help Group की महिलाओं को शराब बनाने के लिए कच्चा माल, प्रोडक्शन बढ़ाने और मशीनरी खरीदने के साथ लोन दिलाने में गाइड करेगी.इसके अलावा देशभर  आउटलेट्स खोलने का काम करेगी. Heritage Mahua Wine के गुण भी शराब शौकीनों को बताएगी.
खास बात यही मार्केटिंग एजेंसी Women Finance And Development Corporation और Excise Department के बीच कोर्डिनेशन भी करेगी.  

अलीराजपुर और डिंडोरी में SHG के हैं Mahua Factory 

जिस महुआ को लेकर किसी समय Tribal Society in MP को परेशान किया जाता था, आज वही उसकी पहचान बन रही. लाइसेंस के साथ अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा के कोछा गांव में श्री हनुमान स्वयं सहायता समूह ने यह Mahua Wine Factory खोली.शुरुआत में परेशानी आई. अध्यक्ष अंकिता भाबर कहती हैं- "हमें ख़ुशी हैं कि शासन अब ठेके से इस कारोबार को और बढ़ा रही. हम अपनी पहचान को और दूर दूर तक पहुंचा सकेंगे.हमने पीले लेबल पर उछलते घोड़े के लोगो के साथ 'मोंड' ब्रांड Mond Brand Mahua Wine  नाम दिया."

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जंगल में महुआ बीनती हुईं महिलाएं (Image: Ravivar Vichar)    

ऐसे ही डिंडोरी जिले के भाखा माल गांव क मां नर्मदा स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष जयमति धुर्वे ने बताया  ने अपना स्वयं का कारखाना खोला. यहां भी Dindori Ajeevika Mission के अधिकारियों की मदद से फैक्ट्री में Mahua Wine का उत्पादन हो रहा. SHG ने प्रोडक्ट का  'महुलो' ब्रांड (Mahulo Brand) नाम दिया गया.साथ ही लोगो भी तैयार करवाया. इसमें जीवन का एक गुलाबी और हरा पेड़ दिखाया.डिंडोरी आजीविका मिशन की  DM मॉनिटरिंग सुरेखा ने बताया- "डिंडोरी में SHG की महिलाओं को लगातार ट्रेनिंग दे जा रही. उनमें बहुत आत्मविश्वास नज़र आने लगा. Heritage Wine घोषणा के बाद और अधिक कमाई की उम्मीद है."   

मप्र महिला एवं वित्त विकास निगम के महाप्रबंधक अरविंद सिंह भाल ने कहा- "हैरिटेज शराब की अधिक बिक्री के लिए Marketing Agency भी रखी जाएगी. जिससे इस शराब को लोग दूसरे राज्यों में भी खरीद सकें. इस समय दो फैक्ट्री में इस शराब का उत्पादन हो रहा." 

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