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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में वरदान साबित हुआ है. NRLM के तहत केंद्र सरकार ने करीब 9 हजार करोड़ रुपए खर्च किए, ताकि ग्रामीण महिलाएं एकजुटता की ताकत को इस्तेमाल कर आत्मनिर्भर बन सकें (NRLM working towards rural women empowerment).
NRLM समर्थित स्वयं सहायता समूहों के ज़रिये ग्रामीण महिलाएं अपनी आय बढ़ाने में कामयाबी हासिल कर रही हैं (NRLM supported SHG). यह जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा कार्यक्रम तथा खेल विभाग मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ऊना में आयोजित आत्मनिर्भर नारी शक्ति संवाद कार्यक्रम के दौरान दी. कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी लगभग 200 महिलाएं शामिल हुईं.
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अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि जल्द ही स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किये गए प्रोडक्ट्स को ई-कॉमर्स के मंच पर उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि ऑनलाइन बिक्री के ज़रिये पहुंच बढ़ सके (SHG products on E-Commerce). उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 के अंत तक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आमदनी को दुगना करने का लक्ष्य है जिसके लिए कई सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं.
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उन्होंने महिलाओं को उत्पादों की उच्च गुणवत्ता व पैकेजिंग का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी, ताकि वह बाजार में उपलब्ध दूसरी ब्रांड के साथ मुकाबला कर सकें. कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने अपने अनुभव और काम के दौरान आने वाली चुनौतियों को साझा किया.
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इस कार्यक्रम में DRDA ऊना की परियोजना अधिकारी शेफाली शर्मा और आत्मा प्रोजेक्ट परियोजना निदेशक वीरेंद्र कुमार बग्गा ने सरकार द्वारा उनके विभागों के ज़रिये चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया.
स्वयं सहायता समूहों को सरकार से मिल रहा समर्थन उन्हें अपने प्रोडक्ट्स की पहुंच बढ़ाने में मदद करेगा.