हाल ही में आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) द्वारा ऑर्गनाइस किये गए इवेंट ने लैंगिक समानता (gender equality) पर डायलॉग शुरू किया जो बेहतर समाज बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा. दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने इंस्टीट्यूट फॉर व्हाट वर्क्स टू एडवांस जेंडर इक्वेलिटी (IWWAGE) के साथ ‘लिंग संवाद’ के चौथे संस्करण (Fourth Gender Samvaad) का आयोजन किया.
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लिंग-केंद्रित पहलों के बारे में बढ़ाई जागरूकता
इस मंच का लक्ष्य भारत में DAY-NRLM की लिंग-केंद्रित पहलों (gender centric initiatives) के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जिसमें राज्यों और स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों की आवाज़ को मंच देने पर ख़ास ध्यान दिया जायेगा.
ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, श्री चरणजीत सिंह (Additional Secretary, Ministry of Rural Development, Charanjit Singh) ने लिंग आधारित हिंसा (gender based violence) के आंकड़ों पर चिंता व्यक्त की और इस मुद्दे को संबोधित करने में समुदाय आधारित संस्थानों (community based institutions) की भूमिका पर ज़ोर दिया.
इस कार्यक्रम में 8 हज़ार से ज़्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) और बिहार सरकार (Bihar government) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्सकों (practitioners), लिंग विशेषज्ञों (gender experts), शिक्षाविदों (academia), सिविल सोसाइटी एक्टिविस्ट (civil society activists) सहित SHG सदस्य शामिल हुए.
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ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं बन रही सशक्त
इस कार्यक्रम में महिलाओं, ख़ासकर ग्रामीण महिलाओं (rural women) को सशक्त बनाने और उनकी चुनौतियों को संबोधित करने वाले मॉडल संस्थान शुरू करने के लिए DAY-NRLM द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला गया. ये पहल जेंडर रिसोर्स सेंटर (gender resource center) प्लेटफॉर्म के ज़रिये की गई.
DAY-NRLM की संयुक्त सचिव, स्मृति शरण (Smriti Sharan) ने महिलाओं को सशक्त (women empowerment) बनाने और विशेष रूप से जेंडर रिसोर्स सेंटर के ज़रिये ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के मुद्दों को संबोधित करने के लिए मॉडल संस्थान बनाने में DAY-NRLM द्वारा किए गए प्रयासों पर बात की.
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कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन ने अनुभव किये साझा
झारखंड (Jharkhand), केरल (Kerela) और ओडिशा (Odisha) सहित कई राज्यों के कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन (Community Resource Person) ने लिंग आधारित हिंसा को संबोधित करने के लिए अपने अनुभव और रणनीतियों को साझा किया.
ओडिशा की रजनी दंडसेना ने ग्राम पंचायत स्तर पर प्रेरणा केंद्र पर चर्चा की, जिसमें कई विभागों के साथ मजबूत संबंध स्थापित करने और हिंसा के मामलों को कम करने में उनकी भूमिका पर ज़ोर दिया गया.
जीविका, बिहार सरकार की महुआ रॉय चौधरी ने पितृसत्ता (patriarchy) और सामाजिक मानदंडों में गहरी जड़ें जमा चुकी हिंसा को संबोधित करने के लिए जेंडर ट्रेनिंग, शिक्षण पद्धतियों और IEC मटेरियल के इस्तेमाल की ज़रुरत पर बात की. इसमें जेंडर रेस्पॉन्सिव इंस्टीटूशन्स (gender responsive institutions) जैसे दीदी अधिकार केंद्रों (didi adhikar kendra) ने अहम भूमिका निभाई.