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Image Credits : Precious Kashmir
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श्रीनगर (Srinagar) की कला, शिल्प, संस्कृति और भोजन को लोगों तक पहुंचाने के लिए सरस आजीविका मेले (Saras Ajeevika Mela) का आयोजन किया गया है. इससे 'वोकल फॉर लोकल' (Vocal for Local) को बढ़ावा मिलेगा. जम्मू और कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन (JKRLM), ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित यह मेला 9 अक्टूबर से दस दिनों तक चलेगा.
भारत के 17 अलग-अलग राज्यों से ग्रामीण महिला कला कारीगरों (Rural Women Weavers) ने अपने हैंडलूम प्रोडक्ट्स और क्षेत्रीय खाने के स्टाल लगाएं है. सरस आजीविका 2.0 (Saras Ajeevika 2.0) में तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मेघालय सहित 17 राज्यों की महिलाओं ने भाग लिया है. मेला सुबह 11 बजे से रात में 9:30 बजे तक खुला रहेगा.
यह मेला ग्रामीण उद्यमियों के लिए सीधा विपणन प्लेटफ़ॉर्म के रूप में काम करता है, जिससे वह किसी प्रकार के हस्तक्षेप के बिना अपने उत्पादों को बेचकर आमदनी कर रहीं है. ग्रामीण कला कारीगरों, शिल्पकारों, और स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं के उत्पादों का प्रदर्शन कर ग्राहकों को बेचने का अवसर दिया है, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होने के साथ, उनके बनाये उत्पादों को पहचान मिल रही है.
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मेले में बहुत से आइटम्स है, जैसे पश्चिम बंगाल की कांथा स्टिच, उत्तर प्रदेश के सिल्क सूट, बिहार के हैंडलूम, लद्दाख से स्वास्थ्यपूर्ण सूखे खुबानी और वेलवेट कपड़ा, कर्नाटक से सजावटी आइटम और पंजाब से हैंडक्राफ्टेड गहनें. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने खाने जैसे साग, मक्की की रोटी, खीर, चाट और बारबेक्यू के स्टाल लगाए है. मेले में पीने का पानी, शौचालय, सुरक्षा और मेडिकल सेवा, अग्निसुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ 24x7 एम्बुलेंस सेवाएं तत्पर रहेंगी.
सरस आजीविका मेला, दीनदयाल अंत्योदय योजना - नेशनल रूरल लाइवलीहुड्स मिशन (DAY-NRLM) के अंतर्गत महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHG) को समर्थन और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया है. मेला उनके उत्पादों का प्रदर्शन और बेचने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करता है, अतिरिक्त आय के अवसर के साथ अन्य लोगों से जुड़ने का मौका भी देता है.