Ayushman Bharat Yojana मे transgender समुदायों को मिलेंगे अधिकार

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है जो गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को सस्ते और उच्च क्वालिटी वाले चिकित्सा सेवाओं तक पहुँचाने का उद्देश्य रखती है. इस योजना से, लोगों को नि:शुल्क उपचार का लाभ प्रदान किया जाता है.

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Rohan
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स्वयं सहायता समूह, दिव्यांग और किन्नर समाज विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करते हैं और समाज के अलग-अलग सेगमेंट्स में आते हैं. इन समूहों को अक्सर समाज में समानता और सम्मान का अभाव महसूस होता है. वे भी देश की जनता का एक हिस्सा है लेकिन फिर भी उन्हें अलग समझा जाता है, यहां तक की वे आज की सदी में भी भेदभाव महसूस कर रहें है. चाहे बात उनकी शिक्षा से जुड़ी हो या उनकी चिकित्सा से हर जहाज उन्हें आज भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

Ayushman Bharat Yojana क्या है ?

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख स्वास्थ्य योजना है जो गरीब और वंचित वर्ग के लोगों को सस्ते और उच्च क्वालिटी वाले चिकित्सा सेवाओं तक पहुँचाने का उद्देश्य रखती है. इस योजना के तहत, लोगों को नि:शुल्क उपचार और विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्रदान किया जाता है. यह योजना भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं में समानता और पहुंच को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

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Transgender community और specially abled society के उत्थान पर हुई चर्चा

इसी कड़ी में एक और महत्वपूर्ण कदम बनते हुए यूपी सांसद विनोद सोनकर ने संसद में एक मांग रखी. उनका कहना है कि self help groups, specially abled और transgender समाज के लोगों के लिए Ayushman Bharat Yojana में शामिल होने की मांग की. उनका कहना था कि इन समूहों के लोगों को भी Ayushman Bharat Yojana के अधिकार होने चाहिए, ताकि उन्हें भी उचित स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच मिल सके.

यह योजना देशवासियों को स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचाने का उद्देश्य रखती है, लेकिन इसके लाभ विभिन्न सामाजिक वर्गों तक पहुंचाना आवश्यक है. इन समूहों को उचित चिकित्सा सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार मिलना चाहिए, जो कि उन्हें आगे बढ़ाने मे ज़रूरी कदम साबित होगा.

इसके अलावा, यह भी ज़रूरी है कि हम इन समूहों के साथ बात करें, उनकी आवश्यकताओं को समझें और उनके अनुभवों का सम्मान करें. भारत का हर व्यक्ति समान है. अगर संविधान एक, तो हक़ भी एक ही होने ज़रूरी है. और यह फैसला इस हर वर्ग की समानता को आगे बढ़ाने में एक बड़ा फैसला बनकर सामने आएगा.

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