BeMC सेप्टेज प्लांट ऑपरेट कर ट्रांसजेंडर SHG बनेंगे सशक्त

भुवनेश्वर के बरहामपुर नगर निगम (BeMC) ने अपने नए बने दूसरे सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट (SeTP) का संचालन और रखरखाव ट्रांसजेंडर समुदाय को सौंपा. BeMC और बहुचोरा ट्रांसजेंडर स्वयं सहायता समूह (SHG) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर साइन किए गए.

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मिस्बाह
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Odisha signs Mou eith transgender news

Image Credits: ETV Bharat

ट्रांसजेंडर समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए ओडिशा (Odisha) में ज़रूरी कदम उठाया गया. भुवनेश्वर (Bhubaneswar) के बरहामपुर नगर निगम (BeMC) ने अपने नए बने दूसरे सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट (SeTP) का संचालन और रखरखाव (O&M) ट्रांसजेंडर समुदाय को सौंपा. 

BeMC और बहुचोरा ट्रांसजेंडर SHG ने किया MoU साइन   

BeMC और बहुचोरा ट्रांसजेंडर स्वयं सहायता समूह (SHG) के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर साइन किए गए (BeMC and transgender SHG signed MoU).  बरहामपुर के सांसद चंद्र शेखर साहू (MP Chandra Sekhar Sahu), विधायक बिक्रम कुमार पांडा (MLA Bikram Kumar Panda) और बीईएमसी मेयर संघमित्रा दलाई (BeMC mayor Sanghamitra Dalai) इवेंट में शामिल रहे. 

O&M की ज़िम्मेदारी ट्रांसजेंडर समूह के 10 सदस्य को सौंपी 

ट्रांसजेंडर समूह में 10 सदस्य हैं, जो दिन-प्रतिदिन के लिए जिम्मेदार होगा. 60 किलो लीटर/दिन क्षमता वाले प्लांट का संचालन और रखरखाव, फीकल स्लज के निर्वहन के लिए सेसपूल वाहनों के प्रवेश का प्रबंधन, और उपचार और स्टाफ प्रबंधन की ज़िम्मेदारी भी समूह की रहेगी. BeMC कमिश्नर जे सोनल ने कहा, "प्लांट का O&M एक साल के लिए ट्रांसजेंडर समूह को सौंपा गया था और उनके काम को देखने के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा."

ट्रांसजेंडर समूह की अध्यक्ष स्वीटी साहू ने कहा, “हमें प्लांट के संचालन और रखरखाव के बारे में पहले ही ट्रेनिंग मिल चुकी है. हम प्लांट को सफलतापूर्वक चलाने का विश्वास देते हैं.''

बरहामपुर के सांसद साहू ने कहा, “इस कदम का लक्ष्य ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त बनाना है. इससे उन्हें सम्मानजनक तरीके से रोज़गार और कमाई के अवसर मिलेंगे.”

सोनल ने कहा, "सीतालापल्ली में SeTP, BeMC का दूसरा ट्रीटमेंट प्लांट है जिसे 3.50 करोड़ रुपये के निवेश पर बनाया गया था."

40 किलो लीटर/दिन की क्षमता वाला पहला SeTP, महुदा में है जिसे SHG द्वारा सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है. 

अक्सर, जब लैंगिक समानता (gender equality) की बात होती है, तो ट्रांसजेंडर समुदाय (transgender community) को इन पहलों में शामिल नहीं किया जाता. उन्हें रोज़गार के अवसरों तक पहुंच देकर, उनके आर्थिक सशक्तिकरण (financial empowerment) का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है. भुवनेश्वर के इस फैसले ने समानता और आर्थिक आज़ादी की दिशा में दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण पेश किया है.