CG के Durg के सकारा गांव की रहने वाली ज्योति साहू इन दिनों लेदर और कॉटन के कई पैटर्न के बैग बनाने में व्यस्त है. किसी समय स्कूल में टीचर की जॉब करने वाली ज्योति self help group से जुड़ी और सफल कारोबार कर रही.
कोरोना के बाद फिर बढ़ाया बैग निर्माण का कारोबार
साल 2018 के पहले समूह से जुड़ने वाली ज्योति साहू बताती है-"मैं ज्ञान गंगा SHG समूह से जुड़ी. एक प्रायवेट स्कूल में टीचर थी. मैंने तय किया SHG से जुड़कर खुद का व्यवसाय शुरू करूंगी. Raipur से रॉ मटेरियल लाकर बैग बनाना शुरू किया. कोरोना काल में सारा कारोबार ठप हो गया.हिम्मत न हारी और फिर से काम शुरू किया.मैं सफर बैग,स्कूल बैग, हैंड बैग सहित मोबाइल पर्स भी बनाती हूं."
ज्योति साहू बैग के लिए मटेरियल तैयार करते हुए (Image: Ravivar Vichar)
इस काम में ज्योति के भाई संजय और संदीप साहू भी सहयोग करते हैं. परिवार की कोशिश है कि समूह द्वारा बनाए गए आइटम्स सरकारी स्कूल और अन्य संस्थाओं में लिए जाएं.इस सुविधा से कमाई बढ़ेगी.
बैंकिंग का काम कर बढ़ाई आमदनी
कोरोना काल में व्यवसाय बंद हो जाने के कारण ज्योति ने बैंकिंग का भी काम शुरू किया.ज्योति आगे बताती है-"कोरोना काल में व्यवसाय प्रभावित हुआ.मैंने बैंकिंग का काम सीखा.कुम्हारी नगर पालिका में संचालित बैंक से समूह सदस्यों के काम भी करती हूं.बैग बनाने के लिए ट्रेनिंग भी ली, जिससे आमदनी बढ़ सके. अब मैं अपने गांव में सम्मान की ज़िंदगी जी पा रही हूं."
ज्योति साहू बैग बनाने के लिए मटेरियल काटते हुए (Image: Ravivar Vichar)
इस क्षेत्र की Cluster Resourse Person (CRP) अनसुइया बताती है-"ज्ञान गंगा स्वयं सहायता समूह की ज्योति साहू ने अपने समूह के साथ गांव की पहचान बनाई.हम पूरा सपोर्ट कर रहे. ज्योति को RF से और जनपद से लोन सुविधा भी दी गई."
Ajeevika Mission Bihan Durg District Mission Manager (DMM) Sagar Pansari कहते हैं-"self help group की ज्योति ने साबित कर दिया कि जॉब की जगह यदि खुद का व्यवसाय शुरू करें तो ज्यादा बेहतर हम कमाई कर सम्मान की ज़िंदगी जी सकते हैं.हम इस समूह सदस्यों को और अधिक मार्केटिंग की व्यवस्था करेंगे."