MP के Khandwa जिले में self help group की सदस्यों ने अपने खेतों में Kusum Flowers की बहार ला दी. Ajeevika Mission और Farming Producer Organization (FPO) के माध्यम से यह खेती हो पा रही.
Germany में बनेगा Khandwa के कुसुम से हर्बल कलर्स
MP के Khandwa जिले में बड़ी उपलब्धि मिली. Self Help Group की सदस्य किसान दीदियों ने कृषि नमामि आजीविका प्रोड्यूसर कंपनी के गाइडेंस में कुसुम की खेती की. इसी खेती और खिलते हुए फूलों को देखने जर्मनी का दो सदस्यीय दल जिले के कई गांव में पहुंचा. Germany Delegation ने बताया कि इस प्रोडक्ट्स से हर्बल कलर्स बनाए जाएंगे.
FPO की Bord Of Director अध्यक्ष पुष्पा खोगे और MD कला बामने ने बताया-"जर्मनी देश के दल ने पंधाना ब्लॉक के जलकुआं, लुनहार, सिंगोट सहित दूसरे गांव की विजिट की.किसान परिवारों को कई तरह के सुझाव भी दिए. हमने दल को आश्वस्त किया कि एक्सपोर्ट के लिए बताए नियमों का ध्यान रखेंगे."
कुसुम फूलों की खेत जहां फसल लगाई गई (Image: Ravivar Vichar)
Krishi Namami FPO के CEO Suneel Pandole ने बताया-"हमने ख़ुशी है कि जर्मनी की एक कंपनी के दल ने यहां खुद विजिट की.हम चाहते हैं कि किसान परिवारों का यह प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट हो."
3 हज़ार हैक्टेयर में खिलेंगे कुसुम के फूल
दो साल पहले खंडवा जिले में Ajeevika Mission के गाइडेंस में 150 हैक्टेयर में कुसुम की खेती शुरू हुई. अब इस साल इस खेती का लक्ष्य जिले में 3 हज़ार हैक्टेयर जमीन पर कुसुम की खेती करने का है.
Ajeevika Mission District Manager (DM) Ag Ankita Jain कहती हैं-"हमारे साथ जर्मनी देश की बड़ी कंपनी का अच्छा अनुभव रहा. सदस्यों ने किसान परिवारों को पेस्टीसाइट से बचने का सुझाव दिया.गुणवत्ता का पालन करने के लिए टिप्स दिए.हम किसान दीदियों को कंपनी के जरिए ये सभी सुझाव फॉलो करवाएंगे." इस मौके पर Block Manager (BM) Suneel Khote भी मौजूद थे.
खंडवा जिले के सटाफ के साथ जर्मनी दल (Image: Ravivar Vichar)
Ajeevika Mission District Manager (MF) Neelima Bhadauria बताती हैं-"हमारे जिले में कुसुम की खेती बहुत सफल है.पिछले साल 400 हैक्टेयर में यह खेती की गई.इस साल 3 हज़ार हैक्टेयर का लक्ष्य है.जर्मनी की कंपनी के दल ने ख़ुशी ज़ाहिर की.जर्मनी में Herbal Colours के लिए ही इन फूलों का उपयोग होगा.गुणवत्ता मिलने पर वे कॉन्ट्रेक्ट साइन करेंगे."
खंडवा जिले में पहले भी देश की नामी गिरामी कंपनियां संपर्क कर चुकी हैं. फेशियल और हर्बल टी में इसका काफी उपयोग हो रहा. स्वयं सहायता समूह से जुड़े किसान परिवारों को लागातर क्वालिटी फार्मिंग ट्रेनिंग दी जा रही.
Ajeevika Mission District Project Manager (DPM) Anand Svarup Sharma सहित जिला प्रशासन के joint collector Anshul Jwala,जिला पंचायत CEO Shailendra Singh ,कलेक्टर (DM) Anup Singh भी लगातार किसान दीदियों को प्रोत्साहित कर रहे.