महिलाओं की तरक्की ही देश को आगे बढ़ाने की नीव है, और सरकार यह बात समझ चुकी है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, और बाकी के सारे प्रदेशों में सरकार ग्रामीण महिलाओं को आगे बढ़ाने में लगी हुई है. नयी पहलों और परियोजनाओं के तहत वे हमेशा महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रार्थमिकता से सामने रख रही है. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने भी इसी दिशा में एक बड़ा कदम लेने का फैसला किया है. मुंबई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि- "हमें एक बड़ी पहल करते हुए महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन या उमेद मिशन के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को उपलब्ध रिवॉल्विंग फंड को दोगुना करने का निर्णय लिया है."
रिवॉल्विंग फंड में बढ़ोतरी से महिलाओं को मिलेगी आर्थिक आज़ादी
रिवॉल्विंग फंड या परिक्रामी निधि वो पैसे होते है जो Self Help Group को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रदान करता है. यह पैसा SHG की तत्काल ज़रूरतों को पूरा करने और छोटे मोठे ऋण देने के काम आता है. मुख्यमंत्री ने कहा- "राशि को मौजूदा 15,000 रुपये से दोगुना कर 30,000 रुपये किया जा रहा है. 'उमेद मिशन' के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में छह मिलियन से अधिक महिलाओं को इस निर्णय से लाभ होगा."
समूह की छोटी ज़रूरतों को आसानी से किया जाएगा पूरा
राज्य में लगभग 6,00,000 महिला स्वयं सहायता समूह हैं, जिनमें 60 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं, साथ ही 2011 में शुरू किए गए 'उमेद मिशन' के तहत 30,854 ग्राम समूह और 1,788 वार्ड इकाइयां हैं. आमतौर पर गठन के तीन महीने बाद SHG को उनके इंटरनल ऋण लेनदेन और समूह के कामों के लिए एक परिक्रामी निधि प्राप्त होती है. पिछले वित्तीय वर्ष (2022-2023) में, 238,368 एसएचजी को 5,860 करोड़ रुपये के बैंक ऋण दिए गए थे, जिनमें से 96 प्रतिशत समय पर चुकाए गए है. इसी कारण बैंक्स भी SHG महिलाओं को लोन देने के लिए आसानी से आगे आते है.
महाराष्ट्र सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए आगे बढ़ है और महिला SHG से से प्रदान की जाने वाली सेवाओं को और बढ़ाएगी. सरकार ग्रामीण महिलाओं को इन समूहों इ जुड़ने के लिए भी प्रेरित करती है ताकि सारी महिलाएं इन परियोजनाओं का फ़ायदा उठा सकें.