भारत सरकार (Indian Government) महिलाओं की सुरक्षा (women's safety) और सशक्तिकरण (women empowerment) को बढ़ावा देने लिए कई पहलों की शुरुआत कर रही है. इन पहलों के ज़रिये महिलाओं, खासकर ग्रामीण महिलाओं (rural women) के शैक्षिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण का लक्ष्य पूरा किया जा रहा है. 73 वें संशोधन अधिनियम के तहत पंचायती राज संस्थानों (PRI) में 1/3 भागों की सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. पीआरआई में 14.50 लाख से ज़्यादा महिला प्रतिनिधि हैं, जो कुल निर्वाचित प्रतिनिधियों का लगभग 46% हैं.
सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं / कार्यक्रम लागू किए
भारत सरकार ने महिलाओं के कल्याण और उनके सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं / कार्यक्रम लागू किए हैं (government schemes for rural women). राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत लगभग 9.00 करोड़ महिलाएं 83.5 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) से जुड़ी हुई हैं, जिससे ग्रामीण महिलाएं आर्थिक आज़ादी (financial freedom) हासिल करने में सक्षम बन रही हैं.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत तय किया गया कि नौकरियों में कम से कम एक तिहाई हिस्सेदारी महिलाओं की रहेगी.
महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही सरकार
इसके अलावा, अन्य योजनाएं जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP), समग्र शिक्षा, बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना, स्वच्छ विद्यालय मिशन और स्वच्छ भारत मिशन महिलाओं को अवसरों तक पहुंचने में मदद करते हैं. स्किल इंडिया मिशन (skill India Mission) महिलाओं के रोजगार को बढ़ाने और आर्थिक आज़ादी हासिल करने के लिए प्रशिक्षण देता है.
मिशन पोषण 2.0 के तहत आंगनवाड़ी सेवाएं गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करा रहीं माताओं तक पहुंच रहा है. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के ज़रिये महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है.
‘स्वच्छ भारत मिशन’ (Swachha Bharat Mission) के तहत 11.00 करोड़ से ज़्यादा शौचालयों का निर्माण, ‘उज्जवला योजना’ (Ujjwala Yojana) के तहत गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली लगभग 9.58 करोड़ महिलाओं को क्लीन कुकिंग गैस कनेक्शन, और ‘जल जीवन मिशन’ के तहत 19.46 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 12.59 करोड़ को नल जल संपर्क कनेक्शन देने से महिलाओं के जीवन में सुधार हुआ है. ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान’ (digital literacy) ने 6 करोड़ लोगों को डिजिटल साक्षरता प्रदान करने का लक्ष्य रखा, जिसमें से PMGDISHA के अंतर्गत लाभार्थियों का 53% महिलाएं हैं.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ‘मिशन शक्ति’ (Mission Shakti) के ज़रिये महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए देशभर में समर्थन कर रहा है. सामर्थ्य योजना के तहत एक नया विभाग जोड़ा गया है, जिसमें महिलाओं के लिए शक्तिकरण हब शामिल है. ये हब केंद्रीय, राज्य / संघ के लेवल पर महिलाओं के लिए योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए मार्गदर्शन, लिंकिंग और हैंड होल्डिंग कर रहा है. पूरे देश में ब्लॉक / ग्राम पंचायत स्तर पर महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं, उच्च शिक्षा, करियर और व्यवसायिक परामर्श / प्रशिक्षण, फाइनेंशियल इन्क्लूशन, उद्यमिता, नेटवर्किंग, सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल साक्षरता का समर्थन किया जा रहा है.
इन योजनाओं के ज़रिये महिलाएं न केवल सशक्त हो रहीं हैं बल्कि, देश के आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक विकास में भी भागीदार बन रही हैं.