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भारत में मशरूम कल्टीवेशन एक बहुत बड़ा और अच्छी कमाई वाला बिज़नेस बनता जा रहा है. SHG महिलाओं के बीच यह बिज़नेस तेज़ी से बढ़ रहा है. इसी कड़ी में एक बड़ा कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD initiatives for women) ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के ह्युलियांग में मशरूम की खेती पर एक सूक्ष्म उद्यम विकास कार्यक्रम (MEDP) शुरू किया.
एमईडीपी को श्री श्री ग्रामीण विकास कार्यक्रम ट्रस्ट (एसएसआरडीपीटी) द्वारा अरुणाचल राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (ARSRLM) के सहयोग से कार्यान्वित किया जाएगा, जिसका लक्ष्य विभिन्न SHGs (Self help groups in arunachal pradesh) के 30 सदस्यों को मशरूम की खेती करने के कौशल, कटाई के बाद का प्रबंधन, और विभिन्न पैकेजिंग विधियों के ज्ञान से लैस करना है.
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, SSRDPT परियोजना प्रबंधक राधा शॉ ने बाजार की मांग के अनुरूप मशरूम उत्पादों और उत्पादन को बढ़ाने के कार्यक्रम के उद्देश्य को रेखांकित किया. नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक कमल रॉय ने कौशल विकास और क्षमता निर्माण के माध्यम से SHG सदस्य (members of SHGs) को सशक्त बनाने, बैंक ऋण देने और सूक्ष्म उद्यम शुरू करने में सक्षम बनाने की नाबार्ड की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया.
उन्होंने SHGs ओर किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए (NABARD initiatives) नाबार्ड के विविध विकास कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला. ARSRLM क्लस्टर coordinator बिसैसो क्रि ने trainees को उद्यमशीलता की भावना अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने ग्रामीण समुदायों, विशेषकर महिला उद्यमियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में कौशल प्रशिक्षण के महत्व पर जोर दिया. SSRDPT के जिला coordinator भूषण राय ने SHG members से उद्यमियों में बदलने के लिए अपनी योग्यता के अनुरूप कौशल हासिल करने का आग्रह किया, जिससे आजीविका सुरक्षित हो और देश की प्रगति में योगदान दिया जा सके.