भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में आज हर काबिल शख्स अपना योगदान दे रहा है. खासकर महिलाओं और युवाओं का योगदान पहले के मुकाबले ना सिर्फ बढ़ा है बल्कि अहम भी साबित हो रहा है. महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण (financial empowerment) महिलाओं के अधिकारों और gender equality को साकार करने में लाभदायक है.
जब देश की ज़्यादा महिलाएं काम करती हैं, तो economy बढ़ती हैं. महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना देश को आगे बढ़ने, productivity, income sources और income equality को भी बढ़ाता है. इससे काम के साथ-साथ घर में भी महिलाओं की भागीदारी और decision making powers बढ़ जाती हैं.
Lakhpati Didi Scheme से मिल रहा महिलाओं को लाभ
Rural India में अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और कायम रखने में महिलाएं बड़ी भूमिका निभाती हैं. Agriculture हो या Production, महिलाओं ने हर काम बखूबी संभाला है. Self Help Groups (SHG) से जुड़कर महिलाओं को ज़रूरी resources मिलें जिससे उन्हें products बनाने और बेचने में सहायता मिली. सरकार की मंज़ूरी के बाद इन SHGs द्वारा शुरू किये गए businesses के लिए बिना interest के 5 लाख तक का loan जारी करने का भी प्रावधान लाया गया. इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से मदद होने के अलावा बहुत बड़ी राहत भी मिली है.
अपना व्यवसाय शुरू करने वाली महिलाओं को बेहतर प्रगति के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण (guidance) दिया जा रहा है. साथ ही महिलाओं को प्लंबिंग, ड्रोन उड़ाना, एलईडी का उत्पादन करने जैसे कामों के लिए skill training भी प्रदान की जाती हैं. जो महिलाएं agriculture में योगदान दे रहीं हैं, उन्हें भी खेती के लिए ड्रोन मुहैया कराए जा रहे हैं.
आज देश में 1 करोड़ से ज़्यादा ग्रामीण महिलाएं SHGs से जुड़कर Lakhpati Didi बन गईं हैं. समूहों में साथ काम कर आज ये महिलाएं कम resources में ज़्यादा production कर sustainable production के लक्ष्य को भी हासिल कर रहीं हैं. बात financial support की हो या decision making की, ये महिलाएं आज सबसे आगे खड़ीं हैं.
भारत सरकार का women empowerment को पूरा समर्थन
महिलाओं की ओर हो रहे इन सकारात्मक बदलाव को भारत सरकार ने भी महसूस किया. आज सरकार भी इस बदलाव को support करने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है. जहां इस scheme की शुरुआत में 2 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य था, वहीं हो रही इस वृद्धि को देखते हुए Union Budget 2024 में Financial Minister Nirmala Sitharaman इस लक्ष्य को 3 करोड़ कर दिया गया.
सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि महिलाएं कमाने के साथ ही उचित राशि की बचत भी कर पाएं. सरकार की ओर से financial literacy, skills training और business guidance प्रदान करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा, सरकार ने काम आसान करने के लिए भुगतान हेतु online platform launch करने का भी ऐलान किया है.
केंद्र सरकार अपनी योजनाओं और schemes से इन महिलाओं के लिए काम आसान कर रही है. Union Budget 2023 में जो राशी सरकार ने इन महिलाओं को देने के लिए तय करी थी उससे 2% अधिक खर्च किया, जो कि 2.23 लाख करोड़ रुपये का निवेश था.
अपने कदमों से सरकार यह तो यक़ीनन साबित कर चुकी है कि वह देश की महिलाओं के सशक्तिकरण में पूरा समर्थन दे रही है और इस सशक्तिकरण के रास्ते में आने वाली हर चुनौतियों का सामना करने के लिए देश की महिलाओं के साथ खड़ी है.