पंचायती राज मंत्रालय (Ministry of Panchayati Raj) ने 'पंचायती राज प्रणाली: रेट्रोस्पेक्ट और प्रॉस्पेक्ट' (Workshop on Panchayati Raj System: Retrospect & Prospects) पर दो दिन की वर्कशॉप शुरू की. यह वर्कशॉप हैदराबाद में विकास ऑडिटोरियम, एनआईआरडी एंड पीआर में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (National Institute of Rural Development & Panchayati Raj - NIRD&PR) के सहयोग से शुरू की गई.
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पीपुल्स प्लान अभियान (PPC) 2023 हुआ शुरू
पंचायत विकास योजनाओं (2024-2025) की तैयारी के लिए पीपुल्स प्लान अभियान (The People’s Plan Campaign - PPC 2023) शुरू किया गया. इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय (Ministry of Panchayati Raj in Hindi) द्वारा गठित समिति की तैयार परियोजना संचालित ब्लॉक पंचायत और जिला पंचायत विकास योजना के निर्माण पर रिपोर्ट और पंचायत विकास सूचकांक (Panchayat Development Index) का राष्ट्रीय प्रशिक्षण मॉड्यूल (National Training Module) जारी किया गया.
73वें संवैधानिक संशोधन के 30 वर्ष पूरे होने पर NIRD&PR के जर्नल ऑफ रूरल डेवलपमेंट (Journal of Rural Development) का एक विशेष अंक भी जारी किया गया. इस अवसर पर एसओईपीआर की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए एनआईआरडी एंड पीआर में पंचायती राज उत्कृष्टता स्कूल (School of Excellence in Panchayati Raj) पर प्रिंटेड ब्रोशर जारी किया गया.
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इवेंट को संबोधित करते हुए, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव, सुनील कुमार (Shri Sunil Kumar) ने पंचायतों के हित को बढ़ावा देने में रुचि लेने की सलाह दी ताकि पूरे देश में पंचायती राज प्रणाली (Panchayati Raj System) बेहतर हो सके. सुनील कुमार ने 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals SDGs) को हासिल करने में पंचायतों की भूमिका पर ज़ोर दिया. टीम वर्क की ज़रुरत पर भी बात की.
सुनील कुमार ने स्थानीय चुनौतियों को दूर करने के लिए समग्र ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) तैयार करने में ग्रामीण और लोकल बॉडीज के सहयोग पर ज़ोर दिया. उन्होंने टीबी-मुक्त पंचायत अभियान (TB-Mukt Panchayat Abhiyan) जैसी पहल में पंचायती राज संस्थानों (Panchayati Raj Institutions) की भूमिका पर चर्चा की और स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) की भागीदारी की वकालत की.
महिला SHG के ज़रिये होगा महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य पूरा
ग्राम सभाओं, डिजिटल समावेशन (financial inclusion) और महिला स्वयं सहायता समूह (women SHGs) के ज़रिये महिला सशक्तिकरण (women empowerment) के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कहा. ग्राम पंचायतें जमीनी स्तर के लोकतंत्र का केंद्र हैं. देश भर में 31 लाख से ज़्यादा निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों में से लगभग 46% महिलाएं हैं (women representatives in Panchayats). और वे ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्त बदलाव ला रही हैं. उन्होंने महिलाओं की उद्यमिता पर भी ज़ोर दिया.
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इस नेशनल वर्कशॉप (National Workshop) के ज़रिये ग्राम पंचायत में लोकतंत्र (democracy) को मज़बूती देने के लिए मार्गदर्शन मिला. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त (empowering rural economy) बनाने के लिए महिलाओं की भूमिका (rural women) पर ज़ोर दिया गया. स्वयं सहायता समूहों (women SHG) के ज़रिये हितधारकों तक पहुंचना और ग्रामीण स्तरीय योजनाओं (rural schemes) को पूरा करना आसान होगा.