स्वयं सहायता समूहों (self help groups) का समर्थन करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने World Food India शिखर सम्मेलन में 1 लाख से ज़्यादा स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों को 380 करोड़ रुपये की सीड कैपिटल सहायता वितरित की. इस वैश्विक कार्यक्रम ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा दिया (seed funding given to SHGs by PM Modi).
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भारत ने हासिल किया 50 हज़ार करोड़ रुपये का FDI
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र ने पिछले नौ सालों में 50 हज़ार करोड़ रुपये का विदेशी निवेश (FDI) हासिल किया है. उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए खाद्य विविधता को बढ़ावा देते हुए प्रस्ताव पेश किया.
उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के बारे में कहा कि यह उद्योग नए खिलाड़ियों को बड़ी सहायता प्रदान कर रहा है (women in food processing industry). बुनियादी ढांचे के लिए एग्री-इंफ्रा फंड के तहत परियोजनाओं को लागू किया जा रहा है. मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को भी हजारों करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्रोत्साहित किया जा रहा है.
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कृषि निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी में दिखी 150% की वृद्धि
"सरकार की नीतियां खाद्य क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं”, PM मोदी ने कहा पिछले नौ वर्षों में, "भारत के कृषि निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी 13% से बढ़कर 23% हो गई है, जो 150% की वृद्धि दर्शाती है. आज, भारत कृषि उपज में 50 हज़ार मिलियन डॉलर से अधिक के कुल निर्यात मूल्य के साथ 7वें स्थान पर है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां भारत ने बढ़ोतरी नहीं दिखाई है. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े स्टार्ट-अप्स के लिए यह सुनहरा अवसर है.”
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PM मोदी ने बताया कि 90 मिलियन से ज़्यादा महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं. 'world Food India 2023' का लक्ष्य है 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाकर भारत को 'दुनिया की खाद्य टोकरी' के रूप में प्रदर्शित करना. फ़ूड प्रोसेसिंग फील्ड की सफलता में हमेशा से महिलाओं के ज्ञान और अनुभव ने अहम भूमिका निभाई है. सीड कैपिटल सहायता महिलाओं के खातों में डायरेक्ट ट्रांसफर की गई है, जिससे उन्हें अपने फ़ूड प्रोसेसिंग उद्यम शुरू करने में मदद मिलेगी. महिलाओं की भागीदारी से देश का आर्थिक सशक्तिकरण का लक्ष्य मुमकिन हो सकेगा.
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