कृषि-खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (Food Processing Industries) भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) का एक अहम हिस्सा है, जो देश की जीडीपी (GDP) में 8% का योगदान देता है. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ मिलेट (International year of Millet 2023) घोषित किया, जिसके बाद से सरकार भारत में मोटे अनाज (Millet) को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें शुरू कर रही है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय अहम भूमिका निभा रहा है.
अनीता प्रवीण ने दी PLI के दूसरे चरण की जानकारी
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) की सचिव अनीता प्रवीण (Secretary, Anita Praveen) के अनुसार, भारत में बाजरा-आधारित खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण (millet-based food processing) को बढ़ावा देने के लक्ष्य से उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (Production-linked Incentive- PLI) योजना का दूसरा चरण (second phase) शुरू करने की तैयारी है. उन्होंने बताया कि 1,000 करोड़ रुपये के बजट वाली यह योजना फिलहाल मंजूरी का इंतजार कर रही है.
पिछले वित्तीय वर्ष में शुरू हुई PLI योजना के शुरुआती चरण में समर्थन के लिए 800 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. दूसरे चरण में 30 इकाइयों से आवेदन मिले जिसमें धनराशि का पूरा इस्तेमाल किया गया. अब योजना है 1,000 करोड़ रुपये के बढ़े हुए बजट के साथ PLI योजना का दूसरा चरण शुरू करने की.
PMFME के तहत बाजरा-आधारित उत्पादों के लिए 800 करोड़ रुपये अलग रखे
प्रवीण ने बताया कि सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की सहायता करने के लिए कुल 10,900 करोड़ रुपये अलग रखे हैं (assistance to food processing units). जिसमें से, प्रधान मंत्री माइक्रोफूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (Pradhan Mantri Formalisation of Microfood Processing Enterprises- PMFME scheme) योजना के तहत बाजरा-आधारित उत्पादों (millet based products) के लिए 800 करोड़ रुपये रखे गए हैं. यह पहल पहले ही कई छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों (small food processing units) और स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) की सहायता कर चुकी है.
'सुपरफूड' मिलेट के स्वास्थ्य लाभों पर दिया ज़ोर
अनीता प्रवीण (Anita Praveen) ने न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजरा को लोकप्रिय बनाने के लक्ष्य पर भी ज़ोर दिया. उन्होंने मिलेट के पोषण और स्वास्थ्य लाभों (millet health benefits) की वजह से 'सुपरफूड' (super food millet in Hindi) के रूप में उसे अपनाने की सलाह दी. प्रवीण ने बताया कि दक्षिणी भारत (southern India), मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh) और महाराष्ट्र (Maharashtra) भारत में बाजरा के प्राथमिक उपभोक्ता (top millet consuming states) हैं.
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पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal government) में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग (food processing industry department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत गुप्ता (Subrata Gupta, Additional Chief) ने बताया कि राज्य सरकार बाजरा आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों (millet-based food processing units) की स्थापना करने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है. गुप्ता ने बाजरा आधारित खाद्य पदार्थों की ग्लूटेन-मुक्त प्रकृति और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर बात की, जो उन्हें डाइबिटिक व्यक्तियों (Millets for diabetes) के लिए फायदेमंद बनाता है.
यह भारतीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, खासकर मिलेट्स प्रसंस्करण के क्षेत्र के विकास के लिए अहम स्टेप साबित होगी. यह पहल पौष्टिक आहार के साथ-साथ कृषि सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, खासकर उन स्वयं सहायता समूह (women Self Help Group) की महिलाओं के लिए जिनका रोज़गार मिलेट प्रोसेसिंग से जुड़ा हुआ है. यह निर्णय मोटे अनाज के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए ज़रूरी स्टेप है.