ग्रीन रिवोल्यूशन (green revolution) ने फसल उत्पादन के एक नए युग की शुरुआत की. पैदावार बढ़ी. खाद्य सुरक्षा बेहतर हुई. आधुनिक कृषि पद्धतियां अपनाई गई. उच्च उपज वाली फसल किस्मों और उन्नत सिंचाई तकनीकों की शुरुआत हुई. इस गेमचेंजिंग क्रांति को लीड किया मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन (MS Swaminathan) ने.
Image Credits: M. S. Swaminathan Research Foundation
वैश्विक खाद्य प्रणालियों की स्थिरता और पोषण सुरक्षा के लिए किया काम
एम. एस. स्वामीनाथन, प्लांट जेनेटिसिस्ट (plant geneticist) और एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन, चेन्नई (M. S. Swaminathan Research Foundation, Chennai) के संस्थापक अध्यक्ष और मुख्य सलाहकार (Founder Chairman and Chief Mentor) लंबे समय से सस्टेनेबल कृषि (sustainable agriculture) के समर्थक रहे हैं. 'ग्रीन' से 'एवरग्रीन' रिवोल्यूशन (Green to Evergreen revolution) की तरफ बढ़ते हुए उन्होंने वैश्विक खाद्य प्रणालियों की स्थिरता (sustainability of global food systems) के साथ-साथ सभी के लिए पोषण सुरक्षा (nutritional security) का लक्ष्य तय किया.
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महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया आजीविका प्रशिक्षण
एम. एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन ने समग्र विकास (MS Swanithan work in Hindi) में महिलाओं की भूमिका को पहचाना. एक अनूठे प्रयास में, बायोविलेज रिसोर्स सेंटर, MSSRF (Biovillage Resource centre) ने पुडुचेरी (Puducherry) में सरकार द्वारा गठित महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG training by MSSRF) को उनके आर्थिक सशक्तिकरण (women economic empowerment) के लिए आजीविका प्रशिक्षण (livelihood training) और एक्सपोजर विजिट (exposure visit) देना शुरू किया.
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कृषि के महिलाओं को सशक्त (women empowerment) बनाने के लक्ष्य के साथ उन्हें ऑन-फार्म और ऑफ-फार्म प्रशिक्षण दिया. वेटलैंड इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम मॉडल, जापानी क्विल पालन, बैकयार्ड पोल्ट्री हैचरी यूनिट, किचन गार्डन, वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन, एजोला और सीओ 4 फोडडर कल्टीवेशन में ट्रेनिंग देकर आजीविका के नए रास्ते खोले.
SHGs के साथ समग्र विकास का मिशन हो रहा पूरा
100 SHG सदस्यों के साथ आयोजित की गई ट्रेनिंग सेशंस के ज़रिये 150 से ज़्यादा महिला सदस्यों और पंचायत स्तरीय संघ के नेताओं तक पंहुचा गया. समग्र विकास के मिशन को पूरा करने के लिए ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे लीडर्स और महिलाओं को शामिल किया गया.
डॉ. स्वामीनाथन ने 'हरित क्रांति' (Green revolution India) की सफलता के लिए भारत के कई पूर्व प्रधानमंत्रियों और राष्ट्राध्यक्षों के साथ 'हंगर फ्री इंडिया & वर्ल्ड' (Hunger Free India & World) के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम किया. सस्टेनेबल फार्मिंग (sustainable farming) की उनकी वकालत ने उन्हें सस्टेनेबल फ़ूड सेफ्टी (sustainable food safety) के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर बनाया.
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कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन के 98 वर्ष की उम्र में निधन (MS Swaminathan death) के बाद, उनका क्रांतिकारी काम हमेशा लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में योगदान देता रहेगा.