एक ऐसी महिला जो सिर्फ 10th क्लास तक पढ़ी है, लेकिन आज (Tamilnadu News) तमिलनाडु के थेनी जिले की किसी सुपरहीरो से कम नहीं है. जिस महिला ने पढ़ाई भी नहीं की वो आज sceintists की तरह organic farming से बीजों को उगा भी रही है और बेहतरीन आजीविका भी कमा रहीं है. पेरियांकुलम के एक किसान परिवार में जन्मी 42 वर्षीय पी बिंदू एक पुरस्कार विजेता किसान बन चुकी है.
रूढ़िवादी सोच को पीछे छोड़ शुरू आर्गेनिक खेती
उनके परिवार में शादियां जल्दी हो जाती थी... उनकी भी हुई, लेकिन वह रूढ़िवादी विचारधारा से हटकर चलने वाली महिला थी. उन्होंने अपने पति के साथ उनकी सात एकड़ ज़मीन पर खेती शुरू कर दी. लेकिन उनका संघर्ष ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था. इसलिए बिंदु ने बहुत सी नई तकनीकें अपनाई और कृषि उपज को वडगम अचार और जैम जैसे value added products में बदल दिया, जिससे उनके परिवार को गुज़ारा करने में परेशानी कम होने लगी.
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यह 2017 की बात है जब बिंदू ने जैविक खेती (Organic farming techniques) का पता लगाने का फैसला किया क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि traditional farming techniques उन्हें परिणाम नहीं दे पा रही थी. बिंदू कहती हैं, ''अधिक मुनाफा कमाने के लिए हमने जैविक खेती शुरू की. मैंने कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi vigyan kendra) का दौरा किया और post-harvest processing और पैकेजिंग का प्रशिक्षण लिया."
बिंदु उगा रहीं है सब्ज़ियों के इन्टरक्रोप्स
इस कार्यक्रम ने, जो कि हैदराबाद में राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान द्वारा की गयी कृषि विस्तार योजना का हिस्सा है, उनके लिए संभावनाओं की दुनिया खोल दी. अब वे अपने खेत में टमाटर, बैंगन और भिंडी जैविक रूप से उगाती है. वे बताती है कि- "मैंने 10 से अधिक value added products तैयार किए हैं और उन्हें PASUMAI brand के तहत बेच रहीं हूं. इससे मुझे प्रति माह 10,000 रुपये कमाने में मदद मिलती है."
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बिंदू का केले के खेत में टमाटर, बैंगन और अन्य सब्जियों के intercrops तैयार करना सबसे महत्वपूर्ण इनोवेशन था. वे आगे कहती है- “मैंने मशीनें खरीदने के लिए जिला औद्योगिक केंद्र (DIC) से loan के लिए आवेदन किया. मैंने शेल्फ-लाइफ बढ़ाने की तकनीकों और विभिन्न प्रकार की पैकेजिंग सामग्री और उनके उपयोग के बारे में सीखा. मैं मार्केटिंग विभाग, नाबार्ड ग्रामीण मार्ट और KVK के सहयोग से मार्केटिंग रणनीतियां भी विकसित कर रही हूं."
अपने innovations के लिए हुई सम्मानित
उन्होंने सब को जैविक खेती कि ज़रूरत समझाते हुए कहा- “जैविक खेती समय की मांग है. रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग से भूमि जहरीली हो जाती है. कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए अदरक, लहसुन और काली मिर्च से बने घरेलू जैविक कीटनाशक तैयार किए जाते हैं. अगर जैविक कीटनाशकों का उपयोग किया जाए तो कीड़े पौधों से दूर रहते हैं, जिससे अच्छी फसल होती है और बेहतर आय होती है."
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आज बिंदु का परिवार भी सक्षम है और उनकी बेटियां अच्छी शिक्षा ले रहीं है. farming और इससे जुड़ी बातों में उनके काम को देखते हुए, बिंदू को 2020-21 में SSEPERS ATMA के तहत 'किसान पुरस्कार' प्राप्त हुआ. SSEPERS ATMA के दौरान उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला किसान के रूप में भी सम्मानित किया गया था. बिंदु आज सारी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत बन चुकीं है. उन्होंने अपनी परिस्थितियों से हार नहीं मानी और आज खुद को और अपने परिवार को सशक्त कर चुकीं है.