इंटरप्रेन्योर के लिए मुनाफ़े का ज़रिया बनी मशरुम फार्मिंग

निधि कटारे मध्य प्रदेश के ग्वालियर में किसानों के लिए स्पॉन तैयार करती हैं और बेचती हैं. उनका स्टार्टअप नेचुरल बायो इम्पैक्ट एंड रिसर्च फार्मा और खाद्य कंपनियों को सूखे ऑयस्टर मशरूम उपलब्ध करवाती है.

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मिस्बाह
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nidhi mushroom farming

Image Credits: 30 Stades

अपने अलग-अलग रंगों और आकारों के साथ मशरूम जंगलों, खेतों और यहां तक ​​कि हमारी प्लेटों का भी अहम हिस्सा बन रहे हैं. मशरूम में वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और औषधीय विशेषताएं हैं (mushroom benefits). कई उद्योगों में मशरुम की बढ़ती मांग की वजह से मशरूम की खेती (mushroom farming) लोगों की पसंद बनी है. मशरुम कल्टीवेशन (mushroom cultivation) वैज्ञानिकों के लिए शोध का, किसानों के लिए आमदनी का, और एंट्रेप्रेन्योर्स के लिए मुनाफ़े का ज़रिया बन रहा है (mushroom business).    

मशरूम खेती स्टार्टअप किसानों के लिए उपलब्ध करवा रहा मशरुम बीज 

निधि कटारे मध्य प्रदेश के ग्वालियर में किसानों के लिए स्पॉन (मशरूम के बीज) तैयार करती हैं और बेचती हैं (mushroom seeds). उनका स्टार्टअप नेचुरल बायो इम्पैक्ट एंड रिसर्च (Natural Bio Impact and Research) फार्मा और खाद्य कंपनियों को सूखे ऑयस्टर मशरूम (oyster mushroom spawn) उपलब्ध करवाती है.

माइक्रोबायोलॉजी में MSc (MSc in Microbiology) पूरी करने के बाद, निधि कटारे ने कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया. संस्थान नया था और 24 वर्षीय निधि को विज्ञान प्रयोगशालाएं शुरू करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई. 2014 में अच्छी कीमत मिलने पर कॉलेज प्रबंधन ने जमीन बेचने का फैसला किया. संस्थान को 2016 में बंद होना था. सहायक प्रोफेसर निधि के सामने ही कॉलेज और प्रयोगशालाओं को जमींदोज कर दिया गया.

“यह सब ख़त्म होते देख मेरा दिल टूट गया. मैंने तय किया कि मैं किसी पर निर्भर नहीं रहूंगी और खुद ही कुछ काम शुरू करूंगी. मैंने 2015 से इसकी तैयारी शुरू कर दी,'' निधि ने बताया.

घर पर शुरू की मशरुम फार्मिंग 

माइक्रोबायोलॉजी के अपने ज्ञान को इस्तेमाल कर निधि ने स्टार्टअप शुरू किया. मशरूम की खेती से जुड़ी जानकारी जुटाई और घर की छत पर 10 फीट X 10 फीट का शेड बनाया. वहां ऑयस्टर मशरूम (oyster mushroom farming at home) बैग तैयार करना शुरू किये. मशरूम की खेती के लिए कम जगह, मध्यम रोशनी और हवा और अच्छी स्वच्छता ज़रूरी होती है (mushroom farming requirements).

कुछ समय बाद, निधि ने किराए पर घर लेकर मशरूम स्पॉन लैब (mushroom spawn lab) शुरू किया. उन्होंने सेकंड हैंड इंस्ट्रूमेंट्स खरीदे जैसे लमीनार एयरफ्लो कैबिनेट, वर्टीकल ऑटोक्लेवेस, सीड जर्मिनेशन चैम्बर और इनक्यूबेटर.

कैसे तैयार होते हैं मशरुम स्पॉन? 

स्पॉन तैयार करने के लिए, उन्होंने गेहूं का इस्तेमाल किया, हालांकि मक्का या ज्वार का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. आधा उबला हुआ गेहूं हवा में सुखाया जाता है, जिसे कैल्शियम कार्बोनेट पाउडर के साथ मिलाते है. फिर मिश्रण को खाली ग्लूकोज ड्रिप बोतलों या प्लास्टिक की थैलियों में डाल दिया जाता है. इसके बाद, फ़ंगाई (fungi) के शुद्ध कल्चर को उसमे मिलाकर 15 दिनों के लिए कमरे के तापमान पर छोड़ दिया जाता है. 

नेचुरल बायो इम्पैक्ट एंड रिसर्च को मिली सफ़लता

कोविड (Covid) के बाद, निधि ने जगह खरीदी. वह कहती हैं, ''वर्तमान में, मेरी लैब पहली मंजिल पर 1500 वर्ग फुट में फैली हुई है, जबकि मशरूम की खेती भूतल पर इतनी ही जगह पर की जाती है.''

वह मौसम और मांग के आधार पर स्पॉन को 100 रुपये से 120 रुपये किलो में बेचते हैं. इससे हर महीने करीब 70 हज़ार रुपये से एक लाख रुपये तक की आय हो जाती है. 

मशरूम की खेती का काम खत्म करने के बाद शाम को निधि छात्रों को कोचिंग देती हैं.

मशरुम का यह सस्टेनेबल स्टार्टअप मॉडर्न एग्रीकल्चर लैंडस्केप को बदल रहा है. मशरुम फार्मिंग के ज़रिये निधि कटारे न सिर्फ लाभदायक उद्यम विकसित कर रही है, बल्कि सस्टेनेबल फार्मिंग को भी बढ़ावा दे रही हैं. 

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