भारत में आज लगभग 9 करोड़ महिलाएं SHGs से जुड़कर सशक्त हो रही हैं. आज यह महिलाएं आर्थिक रूप से अपने परिवार की सहायता करने में सक्षम हैं. परन्तु इस राह में अभी भी कुछ चुनौतियां हैं जिन्हें सामने लाना और ख़त्म करना बेहद ज़रूरी है. इसी में से एक है उचित वित्तीय सेवाओं में कमी. इस समस्या पर सरकार ने ध्यान देते हुए नई योजनाओं को लागू किया.
National Cooperative Development Corporation (NCDC) ने महिला स्वयं सहायता समूहों (Women SHGs) के बेहतर प्रगति के लिए नई योजनाएं लागू की है. यह योजनाएं Women SHGs को loan देने और Credit Cooperatives को financial मदद देने के लिए लाई गई है.
यह है Swayam Shakti Sahakar Yojana का लक्ष्य
- विश्वसनीय वित्तीय सेवाएं - एक business के आत्मविश्वास के साथ बढ़ने में finance बहुत महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाता है. यह योजना भी इसी बात को और मज़बूत करती है. इस योजना का लक्ष्य महिला SHGs तक किफ़ायती लागत पहुंचाना है. जिससे SHGs को बचत में मदद मिलेगी. इसी के साथ उन्हें एक प्रभावी और विश्वसनीय वित्तीय सेवाओं का लाभ भी दिया जायेगा जिससे उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त होने में मदद मिलेगी.
- SHGs को पर्याप्त loan - SHGs को products के उत्पादन के लिए resources के साथ ही finance की भी ज़रूरत होती है. पिछले कुछ समय में सरकार द्वारा लाई गई अनेक योजनाओं ने इस आर्थिक ज़रूरत को पूरा करने में ख़ास भूमिका निभाई है. इन्हीं योजनाओं में अब एक नाम इस योजना का भी जुड़ जाएगा. इस योजना के लागू होने से महिला समूहों (SHGs) को कई सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए पर्याप्त bank loan मुहैया कराया जाएगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए अधिक से अधिक महिला SHGs को जोड़ा जा रहा है जिससे SHGs को loan भुगतान में भी छूट मिलेगी.
- स्थायी आजीविका को बढ़ावा - SHGs और उनसे जुड़ी महिलाओं के विकास के लिए यह ज़रूरी है कि उनके पास income का कम से कम एक स्थिर source हो. जिससे कि महिलाओं के घर चलाने के लिए एक नुन्यतम राशि तय हो सके. इससे एक sustainable livelihood को बढ़ावा मिलेगा और महिलाएं अपनी और अपने घर की ज़रूरतों को बेहतर पूरा कर सकेंगी.
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Agricultural Credit Cooperatives को NCDC दे रहा योजना से लाभ
Swayam Shakti Sahakar Yojana से NCDC SHGs और उनसे जुड़ी महिलाओं को लाभ दे रहा है. इनके साथ ही कृषि से जुड़ी महिलाओं के लिए भी कई सेवाएं प्रदान कर रहा है. इसके तहत Agricultural Credit Cooperatives को वित्तीय मदद प्रदान की जा रही है. इस योजना में जिन्हे लाभ दिया गया, वह हैं:
- Primary Agricultural Credit Cooperatives (PACS) - प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को मजबूत करके, सरकार का लक्ष्य कृषि की समग्र स्थिति में सुधार करना, ग्रामीण समुदायों का उत्थान करना और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है. ये प्रयास गरीबी में कमी, खाद्य सुरक्षा और कृषि अर्थव्यवस्थाओं में सतत विकास में योगदान देंगे.
- District Central Cooperative Banks (DCCBs) - जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भारत के विभिन्न हिस्सों में जिला स्तर पर संचालित होने वाला एक ग्रामीण सहकारी बैंक है. इन banks को मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के लिए बैंकिंग प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया.
- State Cooperative Banks (StCBs) - राज्य सहकारी बैंक का मुख्य उद्देश्य राज्य में किसानों को कम राशि और मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करना है. लोन के साथ ही यह बैंक उससे जुड़ी अन्य सेवाएं भी प्रदान करते है.
- SHG Federal Cooperative Societies/Cooperative Unions - सहकारी समितियां और स्वयं सहायता समूहों की किसी भी ग्रामीण क्षेत्र को ऊपर उठाने में बड़ी भागीदारी होती है. सहकारी समितियां आमतौर पर खेती से जुड़े लोगों का समूह होता है. जबकि स्वयं सहायता समूह (SHG) ग्रामीण महिलाओं के समूह हैं जो विभिन्न व्यवसायों से संबंधित हैं.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार NCDC ने योजना के तहत नवंबर 2023 तक ₹2000 करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता स्वीकृत की है. वहीं दूसरी ओर Cooperative Societies को ₹1300 करोड़ से अधिक की वित्तीय सहायता जारी की है. इन योजना के लागू होने से ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय उलझनों से लड़ने में मदद मिल रही है. साथ ही वह बचत भी कर पा रही हैं.