ओडिशा पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है. साइबर अपराधों के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाने के लिए (spread awareness against cyber crimes) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (SHG Women) को शामिल किया जायेगा. स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पेंटिंग के ज़रिये साइबर क्राइम के बारे में जागरूक किया जायेगा.
क्राइम हेल्प लाइन कॉल सेंटर और साइबर हेल्प डेस्क का किया उद्घाटन
इसके लिए ओडिशा (Odisha) के डीजीपी सुनील कुमार बंसल ने 1930 साइबर क्राइम हेल्प लाइन कॉल सेंटर (1930 cyber crime helpline number) और साइबर हेल्प डेस्क (Cyber Help Desk) का उद्घाटन किया है. इससे लोगों को तुरंत मदद मिलने के साथ उनका पैसा वापस मिलने की भी संभावना है. कॉल सेंटर गृह मंत्रालय के 14C (Indian Cyber Crime Coordination Centre I4C) के सहयोग से इसे संचालित किया जा रहा है. इस कॉल सेंटर में चौबीस घंटे काम होगा.
Image Credits : Ommcom News
1930 के साथ, साइबर अपराध यूनिट (Cyber Cell) में और भी कई कदम उठाए गए हैं, जो समुदाय की सुरक्षा में सुधार होने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल साबित होगी.
बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाई गई निगरानी यूनिट
एनसीआरपी पोर्टल (NCRP Portal) के ज़रिये बच्चों और महिलाओं से प्राप्त संबंधित ऑनलाइन शिकायतों को संभालने के लिए "बच्चे और महिला ऑनलाइन दुर्व्यवहार निगरानी यूनिट (CWOAMU)" को बनाया गया है. इससे बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा में सुधार होगा और उन्हें अपने अधिकारों का सही उपयोग करने का मौका मिलेगा.
लाइव मॉनिटरिंग से वास्तविक समय में मिलेगी मदद
साइबर मामलों की जांच के दौरान, "साइबर जांच सहायता टीम (CIST)" के अधिकारी, लाइव और वास्तविक समय में मदद देंगे, जिससे साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई में और भी मजबूती मिलेगी.
Image Credits : The420CyberNews
साइबर जालसाजों के सिम/आईएमईआई ब्लॉकिंग (IMI Blocking) को संभालने और अन्य राज्यों में हुए मामलों के बैकवर्ड लिंकेज की समय पर मॉनिटरिंग करने के लिए "साइबर मॉनिटरिंग एंड कोऑर्डिनेशन (M&C) यूनिट" बनाई गयी है. "साइबर प्रशिक्षण यूनिट" (Cyber Training Unit) साल भर साइबर प्रशिक्षण का संचालन करेगी. इन कदमों के ज़रिये साइबर अपराधों से निजात मिलेगी.