त्रिपुरा में 83 हज़ार से ज़्यादा SHG दीदियां बनीं लखपति

त्रिपुरा के कृषि और किसान कल्याण मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि ग्रामीण त्रिपुरा की 83 हज़ार से ज़्यादा महिलाएं, जो स्वेच्छा से स्वयं सहायता समूह आंदोलन में शामिल हुईं, सालाना 1 लाख रुपये से ज़्यादा कमा कर 'लखपति दीदी' उपनाम अर्जित कर चुकी हैं.

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मिस्बाह
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Image: Ravivar Vichar

देशभर में फैल रही आर्थिक क्रांति त्रिपुरा (economic development in Tripura) में भी जगह बना रही है. त्रिपुरा के कृषि और किसान कल्याण मंत्री रतन लाल नाथ (Minister of Power, Agriculture & Farmer's Welfare Ratan Lal Nath) ने कहा कि ग्रामीण त्रिपुरा की 83 हज़ार से ज़्यादा महिलाएं, जो स्वेच्छा से स्वयं सहायता समूह आंदोलन (self help groups movement in Tripura) में शामिल हुईं, सालाना 1 लाख रुपये से ज़्यादा कमा कर 'लखपति दीदी' उपनाम अर्जित कर चुकी हैं. 

त्रिपुरा में 19 हज़ार से बढ़कर SHG की संख्या हुई 51,254

त्रिपुरा में तेज़ी से आगे बढ़ रहे SHG आंदोलन पर नाथ ने कहा, “पहले त्रिपुरा में SHG की कुल संख्या 19,000 थी और अब यह संख्या 4,66,853 की सदस्यता शक्ति के साथ 51,254 हो गई है. रिवॉल्विंग फंड जो 31 करोड़ 80 लाख के करीब हुआ करता था, उसे बढ़ाकर 504 करोड़ कर दिया गया है. इसके अलावा, बैंकों ने SHG महिलाओं को 1,013 करोड़ रुपये का ऋण भी दिया है. हमारी SHG के लिए 400 करोड़ रुपये और निवेश करने की योजना है."

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83,424 महिलाएं बानी लखपति  

83,424 महिलाएं अब क्रेडिट सुविधाओं की वजह से हर साल एक लाख रुपये से ज़्यादा कमा रही हैं. इन 83,000 महिलाओं में से 30,855 SHG सदस्य अनुसूचित जनजाति समुदायों से हैं, 17,386 SC समुदायों से हैं और बाकी इनमें से 35,183 सामान्य परिवारों से हैं.

"हमने इस वित्तीय वर्ष के अंत तक SHG की 1.5 लाख महिला सदस्यों को एक लाख के क्लब में शामिल करने का लक्ष्य रखा है." नाथ ने बताया.

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