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सरकार ने इस स्वतंत्रता दिवस पर महिलाओं को लखपति बनाने की बात पर बहुत ज़ोर दिया था. वे drone देने की बात की थी प्रधानमंत्री ने और इस विषय पर काम शुरू भी किया जा चुका है. महिलाएं तेज़ी से आगे बढ़ रही है. सरकार की योजनाएं लाभकारी है इसे साबित करने के लिए एक मज़बूत कड़ी बनकर यह खबर इस स्वतंत्रता दिवस पर देश के सामने आए है.
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त्रिपुरा के CM ने हाल ही में यह बताया कि- "राज्य ने स्वयं सहायता समूह (SHG) की 20 प्रतिशत महिलाओं, जिन्हें "दीदी" भी कहा जाता है, को करोड़पति घोषित किया है. माणिक साहा ने सशक्तिकरण के लिए अपने दृष्टिकोण को सबके सामने रखते हुए यह घोषणा की कि इस वर्ष 80 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाएं Self Help Groups में शामिल होने के लिए तैयार हैं."
मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदायों के जीवन में विकास को गति देने के उद्देश्य से त्रिपुरा ग्रामीण अर्थव्यवस्था विकास और सतत सेवा वितरण परियोजना में 1,400 करोड़ रुपये के योगदान के लिए विश्व बैंक (World Bank) को धन्यवाद् भी किया. कहा जाता है कि स्वयं सहायता समूह या एसएचजी आंदोलन एक वैकल्पिक विकास रणनीति का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की प्रक्रिया शामिल है. त्रिपुरा राज्य की महिला एसएचजी को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है.
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मई में एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए, सीएम साहा ने कहा था- "हमारे राज्य की 4,20,066 से अधिक महिलाएं SHG आंदोलन में जुटी हैं. ये समूह राज्य भर में 1,950 VO (ग्राम संगठन) और 88 CLF (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) में बटा हैं. इन समूहों को 724.92 करोड़ रुपये का ऋण मिला है, और आप सभी को यह जानकर आश्चर्य होगा कि केवल 2.74 प्रतिशत ऋण NPA पाए गए हैं. इसका मतलब है कि सभी बाधाओं के बावजूद, जो महिलाएं अभियान में आगे हैं, वे ऋण चुका रही हैं."
त्रिपुरा में सरकार की तरफ से उठाए गए कदम महिलाओं के लिए बहुत फाएदेमंद साबित हुए है. हर प्रदेश की सरकार भी इसी कोशिश में लगी है कि वह देश को आगे बढ़ाने के काम को महिलाओं द्वारा करवाए. देश कि उन्नति तभी तय है जब हर महिला सशक्त होगी.