कहते है, महिलाओं के हाथों में कुछ तो जादू है जो वे हर चीज़ को इतने परफेक्शन के साथ कर लेती है. बात चाहे घर चलने की हो, एक बिज़नेस चलाने की या दोनों को एक साथ मैनेज करने की, महिलाओं से बेहतर इन ज़िम्मेदारियों को कोई नहीं निभा सकता. प्रधान मंत्री मोदी भी इस बात को जानते है और इसीलिए सरकार में इस तरह की परियोजनाएं लाते रहते है जिनसे महिलाओं को आगे बढ़ाने और प्रोत्साहित करने में कोई भी कसर ना रह जाए.
भोजपत्र कला से अपनी आजीविका तैयार करती महिलाएं
प्रधानमंत्री की उत्तराखंड चमोली की माणा भ्रमण के दौरान उन्होंने ऐसी ही कुछ महिलाओं को खूब सरहा. चमोली में भोटिया जनजाति के महिलाओं ने भोजपत्र पर उकेरी गयी कलाकृति को प्रधानमंत्री के सामने पेश किया था. भोटिया जनजाति के लिए यह कला उनके जीवन को बदल रही है और उनके लिए आजीविका का संसाधन बनते जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रोत्साहन से प्रेरित होकर नीति-माणा घाटी की जनजाति की स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेाजपत्र पर लिखी श्री बद्रीनाथ जी की आरती और एक पत्र प्रेषित कर आभार व्यक्त किया है. जनजाति महिलाओं द्वारा भेाज पत्र पर तैयार कलाकृति से प्रधानमंत्री बहुत उत्साह में थे और उन्होंने महिलाओं द्वारा किए गए इस प्रयास की प्रशंसा की.
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चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों से स्थानीय उत्पादों की खरीद करने पर भी ज़ोर दिया प्रधान मंत्री ने. भोजपत्र कलाकृति की महत्ता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने माणा से जाते ही ट्वीट करते हुए लिखा- "भोजपत्र पर उकेरी गई आदिवासी भाई-बहनों की भावनाएं अभिभूत करने वाली हैं."
महिलाओं द्वारा निर्मित स्मृति चिह्नों को तीर्थयात्रियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है और अच्छे दामों पर खरीदा भी जा रहा है. उत्तराखंड की SHG महिलाएं इससे बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही है और महिलाओं की आय में वृद्वि हुई है. महिलाओं का कहना है- "भोजपत्र की कलाकृतियों को बेचने से उनके परिवार के भरण-पोषण में मदद मिल रही है." हर राज्य की सरकार को अपनी महिलाओं की इन चुनिंदा कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास और तेज करने होंगे ताकि सशक्तिकर्ण की ओर बढ़ती महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए.