'मन की बात' प्रोग्राम हो या स्वतंत्रता दिवस की स्पीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी बदलाव की कहानियों को ख़ास जगह दी है. ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ कार्यक्रम के दौरान भी PM Modi ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये SHG चेंजमेकर (powerful SHG women) के प्रयासों को सराहा.
कल्याणी राजबोंगशी ने 3000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में की मदद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम की महिला उद्यमी की तारीफ की, जो महिलाओं के आर्थिक उत्थान के लिए प्रेरणा बन उन्होंने तीन हजार महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (self help group) बनाने के लिए प्रेरित किया.
Image Credits: Narendra Modi/ Youtube
मोदी ने सामाजिक कल्याण की दिशा में उनके प्रयासों को सराहते हुए कहा कि गुवाहाटी की रहने वाली कल्याणी राजबोंगशी इस बात का सबूत हैं कि जब एक महिला आत्मनिर्भर बनती है, तो वह कैसे समाज के विकास में योगदान दे सकती है.
‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ कार्यक्रम के दौरान PM Modi ने कल्याणी से की बात
कल्याणी राजबोंगशी उद्यमी हैं और स्वयं सहायता समूह चलाती हैं. वह समूह के जरिए अपने इलाके की महिलाओं की सहायता करती हैं और उन्हें आर्थिक आज़ादी हासिल करने में मदद करती है, जिससे वे महिलाएं घर चलाने में आर्थिक योगदान दे सकें.
PM मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ कार्यक्रम के दौरान राजबोंगशी से बात की. PM ने उन्हें दूसरी महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता का रास्ता दिखाने, और उनके साथ अपना ज्ञान बांटकर मदद करने के लिए उनकी सराहना की.
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे यह जानकार बेहद खुशी हुई कि आपके ज्ञान से दूसरों को फायदा पंहुचा. आप इसका जीता-जागता उदाहरण हैं कि जब एक महिला आत्मनिर्भर होती है, तो समाज उससे काफी लाभान्वित होता.”
2 हज़ार रूपए से शुरू की थी मशरूम इकाई
धीरे-धीरे उनके उद्यम ने विस्तार किया. अपने उद्यम के आर्थिक विकास के बारे में राजबोंगशी ने बताया कि उन्होंने दो हजार रुपये से मशरूम इकाई (mushroom unit) के साथ अपने कारोबार की शुरुआत की थी. बाद में, असम सरकार द्वारा दिए गए 15 हजार रुपये की सहायता से उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण इकाई (food processing unit) शुरू की.
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कल्याणी राजबोंगशी ने बताया कि उन्होंने आस-पास के इलाकों की तीन हजार महिलाओं को 300 स्वयं सहायता समूह बनाने में मदद की. इनमें से 200 से ज़्यादा समूहों को बैंकों से मदद मिल चुकी है. इसके लिए राज्य सरकार ने उन्हें इस साल की शुरुआत में ‘असम गौरव’ पुरस्कार से सम्मानित किया था.
आज देशभर में कल्याणी राजबोंगशी जैसी साधारण महिलाओं की कहानियां मिल जाएंगी, जो असाधारण काम कर रही हैं. स्वयं सहायता समूह योजना को क्रान्ति का रूप देने में ऐसी ही महिलाओं का हाथ है.
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