IIT Kharagpur की पहली महिला Deputy Director बनीं Prof. Rintu Banerjee

2024 में, IIT Kharagpur ने Prof. Rintu Banerjee को अपनी पहली महिला उपनिदेशक (First Female Deputy Director) के रूप में नियुक्त किया. यह नियुक्ति IIT Kharagpur के साथ साथ शिक्षा जगत के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.

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विधि जैन
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IIT Kharagpur gets its First Female Deputy Director as Prof Rintu Banerjee

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"कुछ कहानियां केवल सफलता की नहीं होतीं, बल्कि वे उन सपनों की होती हैं जो असीम संभावनाओं की ऊंचाईयों को छूने की हिम्मत रखते हैं."

प्रोफेसर रिंटू बनर्जी (Prof. Rintu Banerjee) की कहानी ऐसी ही एक प्रेरणादायक दास्तान है, जिसने हर कठिनाई को पार करते हुए इतिहास रच दिया है. आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) की पहली महिला उपनिदेशक (First Female Deputy Director) बनने का उनका सफर ना केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने के लिए संघर्ष करते हैं.

शिक्षा एक अनुभव है - Prof. Rintu Banerjee

प्रोफेसर रिंटू बनर्जी (Prof. Rintu Banerjee) का जन्म और पालन-पोषण कोलकाता में हुआ. उन्होंने हमेशा से ही शिक्षा को अपना जीवन समर्पित किया और विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की ठानी. उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने उन्हें आईआईटी खड़गपुर के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में प्रोफेसर के पद तक पहुंचाया. उनके research के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक ख़ास पहचान दिलाई है.

Prof. Rintu Banerjee ने IIT Kharagpur में अपने योगदान से शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित किए. उनका मानना है कि "शिक्षा केवल ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि एक समग्र अनुभव है जो व्यक्ति के जीवन को संवारता है."

शिक्षा के क्षेत्र में बनीं उदहारण

2024 में, IIT Kharagpur ने Prof. Rintu Banerjee को अपनी पहली महिला उपनिदेशक (First Female Deputy Director) के रूप में नियुक्त किया. यह नियुक्ति IIT Kharagpur के साथ साथ शिक्षा जगत के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. Prof. Rintu Banerjee की यह उपलब्धि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं. उनकी कहानी यह संदेश देती है कि सपनों को पूरा करने के लिए कोई भी बाधा इतनी बड़ी नहीं होती जिसे पार ना किया जा सके. "आपकी मेहनत और समर्पण ही आपके सपनों की ऊंचाइयों को तय करते हैं," यह उनका जीवन मंत्र है.

प्रोफेसर रिंटू बनर्जी की यह यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि यह तो एक नई शुरुआत है. उनके नेतृत्व में, IIT Kharagpur निश्चित रूप से नए कीर्तिमान स्थापित करेगा और शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छुएगा. उनके जीवन और करियर से हमें यही सीख मिलती है कि अगर आप में विश्वास और मेहनत करने की क्षमता है, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है.

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