छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) बेमेतरा ज़िले के बेरला ब्लॉक में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं डोर टू डोर कचरा कलेक्शन कर रहीं हैं. इस कलेक्ट किए हुए कचरे से सजावट के सामान बना रहीं है. जिस कचरे को लोग ख़राब समझ कर फेंक देते है, आज उसी कचरे को SHG महिलाएं अपनी आमदनी का जरिया बना रहीं हैं.
SHG महिलाएं घर के कचरे से बना रहीं सजावट के सामान
स्वच्छता दीदियां (Swacchta Didi) हर दिन डोर टू डोर कचरा कलेक्ट कर, प्राप्त कपड़ों से वेस्ट टू वंडर (Waste To Wonder) के तहत घर के सजावट के सामान और रोजमर्रा के उपयोग होने वाले सामान जैसे सोफ़ा कवर, पैरदान, परदा आदि बना कर अपनी आजीविका चला रहीं है. सामानों की बिक्री के लिए समय-समय पर स्टॉल लगातीं हैं. Self Help Groups की महिलाओं के हुनर और उनके द्वारा बनाए हुए प्रोडक्ट्स की प्रसंशा हो रही है.
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बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट का मतलब (Best Out Of Waste Products) किसी ख़राब वस्तु से नया आकर्षक सामान बनाना जिसका घर में इस्तेमाल हो सके. घर में इस्तेमाल न होने वाले जैसे फटे पुराने कपड़े, अखबार, प्लास्टिक बॉटल्स से सजावट के समान तैयार किए जा सकते हैं.
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की जिम्मेदारी संभाल रहें SHGs
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (Swachh Bharat Mission - Gramin) के तहत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन (Door-To- Door Garbage Collection) की जिम्मेदारी सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की महिलाओं को दी जा रही है. लोगों में जागरूकता बढ़ाने के साथ SHG महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा.
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SHGs सूखे और गीले कचरे को अलग कर वर्मी कंपोस्ट (Vermi Compost) के जरिए खाद बना रहीं हैं. प्लास्टिक वेस्ट (Plastic Waste) को अलग कर विभिन्न सेंटर में भेजा जाएगा, जहां इसे गलाकर, अन्य कार्य जैसे प्लास्टिक की ईट बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वेस्ट टू वंडर के तहत स्वतंत्र भारत के मानचित्र बनाकर सेल्फी प्वाइंट बनाया गया था.