नागालैंड (Nagaland) में नागा महिला स्वयं सहायता समूहों (naga women self help groups) की उद्यमिता (SHG women entrepreneurs) को बढ़ावा देने के लिए, उनके द्वारा बनाये हुए (SHG women handmade products) स्थानीय उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए सारस मेले (SARAS Fair) का आयोजन किया गया है.
'वीमेन फोक' (WomenFolk) ब्रांड के तहत 20 सितंबर से 25 सितंबर तक 6th रीजनल सेल ऑफ़ ग्रामीण कारीगर सोसायटी (6th Regional Sale of Articles of Rural Artisans Society) मेले का आयोजन दिमापुर क्लब के परिसर में किया जा रहा है.
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इस छः दिन के मेले का खुलने का समय सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक है. ग्रामीण कलाकारों (Rural Artisans), ग्रामीण महिला उद्यमी (Rural Women Entrepreneurs) और SHG सदस्यों को एक मंच पर लाने, उत्पादों का विपणन करने के लिए यह पहल भारत सरकार (Indian Government) के ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) का हिस्सा है.
नागालैंड में 1.2 लाख पंजीकृत SHG महिलाएं
NSRLM (Nagaland State Rural Livelihood Mission) के तहत, राज्य में लगभग 1.2 लाख पंजीकृत SHG महिलाएं हैं. साल 2015 से नागालैंड राज्य ग्रामीण जीवनोपाय मिशन (NSRLM) के तहत, नागालैंड ग्रामीण विकास विभाग (Nagaland Rural Development Department) के साथ मिलकर, इस मेले का आयोजन 6 बार किया गया है. इस साल मेले में नागालैंड के 16 जिलों से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (Women self help groups) के साथ मेघालय (Meghalaya) के भी एक Self Help Group ने स्टाल लगाया है.
सारस मेले का उद्देश्य SHG प्रोडक्ट्स को लोगों तक पहुंचाना
NSRLM के मिशन डायरेक्टर, इम्टिमेन्ला ने बताया कि "SARAS मेले के आयोजन का उद्देश्य एसएचजी प्रोडक्ट्स (SHG Products) को ज्यादा से ज्यादा लोगों और बाजारों के खरीदारों तक पहुंचना है, जिससे उन्हें अपने व्यवसाय में निवेश के साथ उनकी आय बढ़ सके."
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मेले के आयोजन से राज्य की परंपराओं और संस्कृति को दुनिया के सामने लाने और प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं राज्य के बाहर सारस मेले में भाग लेने के लिए आत्मविश्वास आएगा. राज्य मिशन (State Mission) का आधिकारिक ब्रांड 'वीमेनफोक' (Brand WomenFolk) 4 साल में बहुत विकसित हुआ है.
SHGs कर रहे चुनौतियों का सामना
दिमापुर डिप्टी कमिशनर (DC), सचिन जैसवाल, ने प्रीमियम ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स सेक्टर (Premium Organic Products Sector) में SHGs और आर्टिसन्स के प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता पर बात की. कुछ चुनौतियों जैसे कोल्ड स्टोरेज (cold storage) सुविधाओं की कमी, बाजार कनेक्शन, और बड़े पैमाने पर उत्पादन की कमी के बारे में भी बताया, जो उच्च मूल्य उत्पादों की ओर बढ़ने में कमी करता है.
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सचिन जैसवाल ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकृति (FSSAI) सर्टिफिकेट के महत्व को बताते हुए कहा कि, "यह न केवल ब्रांड की प्रतिष्ठा बढ़ाता है बल्कि बैंक लोन (Bank Loan) तक SHG महिलाओं की पहुंच को आसान बनाता है."
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने मेले में अलग-अलग स्टाल्स जैसे प्रोडक्ट प्रोसेस्ड फ़ूड, हस्तशिल्प और हस्तकला, अचार, फूल, फल, आभूषण, वस्त्र लगाए है. यह मेला महिलाओं की उद्यमिता (women entrepreneurs) को बढ़ावा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है.