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स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) के लिए इंटरप्राइजेज फाइनेंसिंग (enterprise financing) ज़रूरी है क्योंकि इसकी मदद से वंचित, खासकर ग्रामीण महिलाएं (rural women) रोज़गार शुरू कर आर्थिक आज़ादी (financial freedom) हासिल कर पाती हैं. SHG महिलाओं को आर्थिक सहायता (financial support) देकर छोटे उद्यम शुरू करने में मदद मिलेगी. SHG की आर्थिक ज़रूरतों पर ध्यान देते हुए दिल्ली (Delhi) के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में बैठक का आयोजन किया गया. ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) के सचिव आरडी शैलेश कुमार सिंह (Secretary Shri Shailesh Kumar Singh) ने पब्लिक और प्राइवेट क्षेत्र के बैंकों (public and private sector banks) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए SHG के लिए उद्यम फाइनेंसिंग की ज़रूरत पर ज़ोर दिया.
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फाइनेंस (finance) और कैपेसिटी बिल्डिंग कार्यक्रमों तक पहुंच के ज़रिये, SHG छोटे बिज़नेस (micro enterprises) शुरू करने और उनका प्रबंधन करने में सक्षम बन सकेंगे, जिससे स्थायी आजीविका मिलेगी और गरीबी ख़त्म हो सकेगी. एंटरप्राइज फाइनेंसिंग लैंगिक समानता और फाइनेंशियल इन्क्लूशन को बढ़ावा देते हुए कौशल विकास, सामाजिक सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास में भी मदद करेगा.
SHG की आर्थिक मुहिम को गति देने में बैंकों की अहम भूमिका है. उन्हें आसान लोन तक पहुंच देकर और उनके सूक्ष्म उद्यमों में निवेश करके सामाजिक सशक्तिकरण (social empowerment) का लक्ष्य पूरा हो सकेगा.