Seed Ball से आदिवासी महिलाएं करेंगी पहाड़ों पर हरियाली

आदिवासी महिलाओं ने सीड बॉल से पहाड़ों को हरा-भरा बनाने के लिए ठान लिया.ये महिलाएं सीड बॉल बनाने में जुटी हुईं हैं.मॉनसून आने के साथ ही ये महिलाएं अपनी मुहीम में जुट जाएंगी.महिलाओं को सभी तरह की बीज उपलब्ध कराए जा रहे.

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Seed Ball से आदिवासी महिलाएं करेंगी पहाड़ों पर हरियाली

Nursery में seed balls बनाते हुए SHG की सदस्य महिलाएं (Image: Ravivar Vichar)

MP के आदिवासी जिले झाबुआ के पेटलावद ब्लॉक में  self help group की महिलाओं ने  यह बीड़ा उठाया. इन महिलाओं ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत यह काम हाथों में लिया.जिला प्रशासन की पहल पर यह अभियान में हिस्सा ले रहीं.

SHG महिलाएं कर रहीं नर्सरी में डेढ़ लाख Seed Ball तैयार 

झाबुआ के पेटलावद ब्लॉक में  ये तीन Nursery में seed ball तैयार किए जा रहे. गंगाखेड़ी और भेरुपड़ा पंचायत की नर्सरी में ये सीड बॉल तैयार करने में शामिल जय चामुंडा समूह की जमना कटारा कहती है-"यह काम करते हुए हमें ख़ुशी है कि इलाके की पहाड़ी क्षेत्रों में हम इन सीड बॉल को डालेंगे तो ये खुद उग जाएंगे.हम लगातार बॉल बनाने का काम कर रहे."

ब्लॉक के अकार समूह सहित 120 SHG की महिलाएं यह सीड बना रहीं.

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समूह की महिलाएं सीड बॉल्स के लिए मिट्टी तैयार करते हुए (Image: Ravivar Vichar)

Ajeevika Mission के पेटलावद के BM Arpit Tiwari ने बताया-"हमारे ब्लॉक की तीन नर्सरी में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं यह सीड तैयार कर रहीं.ये महिलाएं डेढ़ लाख बॉल्स तैयार करेंगी.इन्हें मौसम अनुकूल होते ही पहाड़ों पर डाला जाएगा."       

Seed Ball मेथड को माना सबसे सफल 

Plantations के लिए आजकल seed ball method को बड़ा सफल माना गया.इतिहास में मिस्त्र देश में नील नदी की किनारे सूखने पर सीड बॉल का प्रयोग किया था.अफ्रीका में भी 20 वीं सदी में इस विधि के उपयोग का ज़िक्र है.

देश के साथ MP में कई सामाजिक संस्थाएं भी इस तरह बॉल्स के माध्यम से प्लांटेशन का काम कर रही.

हिमाचल प्रदेश की वनस्पति शास्त्री प्रोफेसर Dr.Vrinda Gupta कहती है- "दुर्गम इलाकों में इसके जयादा प्रभाव और फायदा नज़र आया.मिट्टी की मिश्रण में सीड को दबा कर सुखाया जाता है.बाद में इससे नियत जगह बिखेरा जाता है.यह मिट्टी से बहार अंकुरित हो जाता है."



जल संवर्धन अभियान और सीड बॉल्स निर्माण में झाबुआ कलेक्टर DM IAS Neha Meena खुद इस अभियान में रूचि लेकर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रोत्साहित कर रहीं.

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सुरक्षित स्थान पर तैयार कर रखे सीड बॉल्स (Image: Ravivar Vichar)

झाबुआ के पहाड़ों के साथ अन्य स्थानों में भी पौधरोपण सामाजिक संस्था करेंगी.

Indore के Commissioner Deepak Singh ने बताया-"हरियाली प्रकृति का उपहार है.जहां प्रकृति में नुकसान हुआ.प्रदुषण बढ़ा वहां समाज को ही संवेदनशील होने की जरूरत है.सभी जिलों में जल संवर्धन अंतर्गत हमारी धरोहर तालाब,बावड़ी या नदियों को बचाने के लिए काम करना होगा.यह हमारी नई पीढ़ी के लिए जरुरी है." 

Commissioner Deepak Singh self help group SHG seed ball