MP के Chhatarpur जिले में एक अनूठी कहानी महिलाओं ने रची.self help group की महिलाओं को जिला प्रशासन ने ये ज़मीन सौंपी.केवल दो साल में खौंप गांव की इस बंज़र ज़मीन को उपजाऊ बना लिया.यहां कई तरह के फलों के पौधे रोपे और सब्जियां उगाईं.
दो साल, दस एकड़ ज़मीन, लहलहाए 4 हज़ार फलदार पौधे
छतरपुर जिले में खौंप गांव में अतिक्रमण की चपेट में फंसी 10 एकड़ ज़मीन को कलेक्टर ने मुक्त करवा दी.SHG की सदस्य महिलाओं को यह ज़मीन आजीविका के लिए सौंपी.
यहां काम कर रहीं हरी बगिया समूह की अध्यक्ष कौशल्या बाई और सचिव पार्वती देवी कहती है-"बरसों से हम यह ज़मीन देखते आ रहे.कलेक्टर ने यह ज़मीन हमें दी.हमने इस ज़मीन को तैयार कर 4 हज़ार पौधे लगाए.इसमें आम,अमरुद,चीकू सहित कई तरह के पौधे लगाए.खाली जगह में हमने सब्जियां लगाई.इससे बेचने से कमाई भी शुरू हो गई."
पौधरोपण को लेकर समझते हुए कलेक्टर और ग्रामीण महिलाएं (Image: Ravivar Vichar)
इस गांव की ज़मीन पर तीन स्वयं सहायता समूह काम कर रहे.लगभग 12 महिलाएं इस fruits forest की देखभाल कर रहीं.इसके अलावा कई महिलाओं को इससे रोजगार मिलने लगा.
पर्यावरण दिवस पर पौधे संरक्षित करने का संकल्प
5 जून World Environment Day पर छतरपुर जिले में plantations किया. आजीविका मिशन से जुड़ीं महिलाओं के अलावा ग्रामीणों ने भी पौधे लगाने और उन्हें संरक्षित करने का संकल्प लिया.
Ajeevika Mission के District Project Manager (DPM) Shyam Gautam ने बताया-"जिले में साढ़े तीन लाख से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं.अधिकांश जीवित अवस्था में हैं. खौंप गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार के साथ पर्यावरण संरक्षण का काम मिला."
समूह सदस्य बैठक में शामिल DPM (Image: Ravivar Vichar)
ज़मीन के पास ही तालाब की मिट्टी लेकर को समतलीकरण किया.इससे पौधे और बेहतर हो गए.Chhatarpur जिले के कलेक्टर DM IAS Sandeep GR ने कहा-"SHG की महिलाएं इन पौधों को अपने परिवार के बच्चे समझ कर पोषित करें.यह आजीविका के साथ पर्यावरण और शुद्ध प्राण वायु का जरिया है.ख़ुशी है कि एक ख़राब पड़ी ज़मीन को उपजाऊ बना दी. जनसामान्य को भी जामुन,अमरुद,कटहल सहित पौधे लगाना चाहिए."
कलेक्टर संदीप GR खुद गांव पहुंचे.उनके साथ जिला पंचायत ZP CEO IAS Tapasya Parihar सहित अधिकारी मौजूद रहे.