भीम और सुदर्शन जैविक टॉनिक से महिलाओं को मिली नई राह

Tribal महिलाएं अब कमज़ोर नहीं. भीम और सुदर्शन जैसे जैविक टॉनिक से महिलाएं आर्थिक मजबूत हो रहीं. असर इतना दिखा कि उनकी काबिलियत को देखने Agriculture Commissioner खुद मिलने आए. Organic Method को अपना कर यह महिलाएं बल्क में पेस्टीसाइड बना रहीं.  

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विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव
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भीम और सुदर्शन जैविक टॉनिक

झाबुआ के सातरुंडी में समूह की महिलाओं से चर्चा करते कमिश्नर और कलेक्टर (Image: Ravivar Vichar)

MP के Jhabua जिले  में Tribal Women ने अपना काम और अंदाज़ बदला. self help group की महिलाएं खेती में नई तकनीक अपना रही. NGO Vasudha Swaraj और जिला प्रशासन की मदद से जिले के पेटलावद ब्लॉक में यह प्रयोग सफल रहा.

खेत में मजदूरी नहीं अब महिलाओं का है लाखों का कारोबार 

Jhabua जिले के पेटलावद ब्लॉक अंतर्गत SHG से जुड़ी महिलाएं अब खेतों में मजदूरी के लिए मजबूर नहीं,बल्कि अपने ही  खेतों में Organic Farmning कर लाखों का कारोबार कर रहीं.इस उपलब्धि को देखने खुद किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग के Commissioner IAS M.Selvendra खुद आए.उनके साथ कलेक्टर DM IAS Neha Meena भी मौजूद रही.उन्होंने सातरुंडी और रतंबा गांव के समूह की महिलाओं से बात की.

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चौपाल में समूह की महिलाओं से बात करते कमिश्नर और कलेक्टर (Image: Ravivar Vichar)

अम्बे मां महिला किसान जागरुक समूह से जुड़ी सुगना और संता बताती है-"हमने जैविक खाद बनाना सीखा.हम सुदर्शन और भीम ऑर्गेनिक पेस्टीसाइड बना कर बेच रहे. इस साल हमने एक लाख रुपए से ज्यादा रुपए का कारोबार किया."
रतंबा गांव में लक्ष्मी महिला किसान जागरूकता समूह से जुड़ी शांति बाई और हकरी बाई ने बताया-"हम फूलों की खेती कर रहे.हमारे सदस्यों को लगभग 70 हज़ार रुपए की कमाई हुई.अब हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी होने लगी."  

चौपाल पर बैठ कमिश्नर और कलेक्टर ने बढ़ाया महिलाओं का हौसला 

रतंबा में अलग नज़ारा दिखा.एक जगह चौपाल लगी. एक ही जगह कमिश्नर सेलवेंद्र और कलेक्टर नेहा मीणा Self group group की महिलाओं के साथ बैठे. Organic Pesticides bheem और sudarshan बनाने और उससे फायदे पर बात की.महिलाओं ने बायोचर बनाने की विधि भी बताई.

समूह की महिलाओं ने रतंबा में फूलों की खेती को बढ़ाने की बात पर कलेक्टर नेहा मीणा ने सहयोग का भरोसा दिया. महिलाओं ने उनके प्रोडक्ट्स को लेकर कहा-"हमारी पेस्टिसाइड्स का फायदा खेती में मिलने लगा.एक खास विधि से हम लोग तैयार कर रहे.इसे सर्टिफिकेशन किया जाए."

Organic Pesticides Production का होगा certification 

कमिश्नर सेलवेंद्र ने भीम और सुदर्शन पेस्टिसाइड certification के लिए जरुरी कार्रवाई और दस्तावेज तैयार करने के निर्देश दिए,जिससे ऑर्गेनिक पेस्टिसाइड्स का सर्टिफिकेशन जल्द होने की उम्मीद जागी.   
Ajeevika Mission Petlawad Block Manager (BM) Arpit Tiwari बताते है-"ब्लॉक में SHG की महिलाओं ने पेस्टिसाइड्स को लेकर मेहनत की.लगातार महिलाओं को गाइड किया जा रहा."

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रतंबा में महिलाओं से बात करते हुए अधिकारी (Image: Ravivar Vichar)       

झाबुआ जिले में Ajeevika Mission से जुड़ी महिलाओं ने खेती और दूसरे रोजगार में भी काम शुरू किया.
Jhabua कलेक्टर DM IAS Neha Meena कहती हैं-"जिले में पेटलावद ब्लॉक में organic farming सबसे ज्यादा की जा रही.प्रयास किए जा रहे पूरे जिले में  Organic Farming और Organic Pesticides को बढ़ावा मिले.जो महिलाएं इस काम में निपुण हो गई उन्हें दूसरे ब्लॉक में प्रोत्साहन के लिए भेजा जाएगा.ख़ुशी है जिले में जैविक खेती का रकबा बढ़ रहा."

इसके अलावा Traditional jhabua gudiya और kadaknath को लेकर भी झाबुआ चर्चित है. 

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