स्वच्छ शौचालय अभियान को सफल बनाने के लिए नागरिक, राज्य, ULBS, और स्वयं सहायता समूह सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं, न सिर्फ स्वच्छ शौचालयों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाकर, बल्कि स्वच्छता और रखरखाव बनाए रखने के लिए ज़रूरी कदम उठाकर भी.
Toilet Grading में स्वयं सहायता समूह निभा रहे अहम भूमिका
Clean Toilets Challenge के तहत best model public toilets की पहचान करने के लिए, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने शहरों, पैरास्टैटल निकायों, निजी ऑपरेटरों, गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभाग, मंत्रालय और संबंधित सरकार से नॉमिनेशंस मांगे. ये नॉमिनेशन 'FACES' के मापदंडों पर आधारित हैं - Functional, Accessible, Clean, Eco-friendly, और Safe.
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आवास और शहरी मामलों के मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी ने 19 नवंबर, विश्व शौचालय दिवस से 25 दिसंबर सुशासन दिवस तक 5 सप्ताह का स्वच्छ शौचालय अभियान शुरू किया. सार्वजनिक शौचालयों में स्वच्छता, रखरखाव, कार्यक्षमता, पहुंच, सुरक्षा और दूसरी सुविधाओं का आकलन करने के लिए, 'शौचालय ग्रेडिंग' प्रणाली तैयार की गई है और ULB में कई स्वयं सहायता समूहों (SHG) द्वारा इसकी सुविधा प्रदान की जा रही है.
Smart Toilet models से दूसरे ULBs हो रहे प्रेरित
SBM-U ने DAY-NULM के साथ और PT की ग्रेडिंग के लिए संबंधित वार्ड क्षेत्रों में SHGs को ज़िम्मेदारी सौंपी. इन समूहों को ग्रेडिंग और मापदंडों के अलग-अलग विवरणों पर प्रशिक्षित किया गया.
शहरों और ULB ने स्वच्छ शौचालयों के लिए नवाचार और स्मार्ट समाधान अपनाकर गुणवत्तापूर्ण स्वच्छता सेवाओं की सुविधा प्रदान करने में गहरी रुचि दिखाई. स्वच्छता अभियान और शौचालयों के नवीनीकरण के अलावा, स्मार्ट शौचालय मॉडल और बेस्ट प्रैक्टिसेज भी दूसरे ULB को प्रेरित कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में, स्वयं सहायता समूह राप्ती के नाम से टॉयलेटरीज़ सामग्री बना रहे हैं. लुधियाना ने energy-efficient सार्वजनिक शौचालयों के लिए सौर पैनल स्थापित किए हैं. नवी मुंबई का शौचालय मॉडल रिसाइकल्ड मटेरियल से बनाया गया है जिसकी देखरेख मौजूदा व्यापक City O&M plan के तहत गैर सरकारी संगठनों द्वारा नियंत्रित किया जायेगा. इन शौचालयों में रिसाइकल्ड और ट्रीटेड पानी का इस्तेमाल किया जाएगा.
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ग्रेडिंग के काम के लिए SHG को मिला आईडी कार्ड
कोरुटला के छात्र, दुकानदारों को "स्वच्छ राखी" बांध उनसे सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने का वादा ले रहे हैं. महिलाओं के लिए फीडिंग रूम और डायपर चेंजिंग रूम बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है.
Self Help Groups CT/PT की ग्रेडिंग कर रहे हैं और कार्यक्षमता और पहुंच के आधार पर शौचालयों का मूल्यांकन कर रहे हैं. कोरुतला जैसे कुछ ULB में, work authorization letter के अलावा, SHG सदस्यों को शौचालयों की ग्रेडिंग के लिए आधिकारिक आईडी कार्ड दिए जा रहे हैं.
नामली जैसे ULB ने SHG महिलाओं के लिए पालन किए जाने वाले मानदंडों को समझाने के लिए प्री-ग्रेडिंग प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया था. चंडीगढ़ में, Swachhata Paarkhis पूरे शहर में CT/PTs की ग्रेडिंग कर रहे हैं. टीम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी मापदंडों की सावधानीपूर्वक जांच कर रही है कि स्वच्छता मानकों को पूरा किया जाए. स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी से स्वच्छ शौचालय अभियान को नई राह मिली है.
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