दुग्ध संघ (Dugdh Sangh) द्वारा किसानों की दुग्ध सहकारी समितियों के अलावा अब स्वयं सहायता समूहों से भी दूध खरीदा जाएगा।
भोपाल (Bhopal) के 550 से ज्यादा सांची पार्लरों (Sanchi Parlor) पर सांची ब्रांड के कुकीज, ब्रेड, स्लाइस समेत कई फूड प्रोडक्ट और मिनरल वॉटर मिलेंगे।
SHG को मिलेगा सहकारिता समिति का दर्जा
भोपाल संभाग (Bhopal Division) आयुक्त (Commissioner) एवं दुग्ध संघ के प्रशासक डॉ. पवन कुमार शर्मा (Dr.Pawan Kumar Sharma) के इस सुझाव पर समूह को नया अवसर मिलेगा.दुग्ध संघ के सीईओ (CEO) आरपीएस तिवारी (RPSTiwari) ने बताया- "फूड प्रोडक्ट फूड प्रोसेसिंग आर्गेनाइजेशन(एफपीओ) के जरिए सांची पार्लरों पर उपलब्ध होंगे. समूह को सहकारिता के तहत रजिस्टर्ड कर दुग्ध सहकारी समितियों (Dugdh Co-operative Society)का दर्जा दिया जाएगा. इसके लिए नियमों में बदलाव भी किया जाएगा."
SHG के पास सैकड़ों लीटर दूध
मध्यप्रदेश के भोपाल (Bhopal) जिले में ही स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) के पास कई लीटर दूध उपलब्ध है. कुछ समूह दूसरे पशु पलकों से भी दूध खरीद कर कारोबार करते हैं. जिला पंचायत (ZP) आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) रेखा पांडेय कहती हैं- "यह शासन की बहुत अच्छी पहल है.जिले रतुआ रतनपुर, पारदी, गुनगा और ईंटखेड़ी गांव में स्वयं सहायता समूह दूध का बढ़िया कारोबार कर रहे. SHG के सदयों के पास भी पालतू पशु हैं. इसके अलावा अन्य दूध उत्पादकों से भी खरीद कर पॉर्लर चलते हैं. अब सांची दुग्ध संघ से रजिस्टर्ड हो जाने के बाद और अच्छ होगा." जिले में ही समूह को सेंटर्स पर चील्ड और दूसरी सुविधा देने का प्लान बनाया है.
गौपालक महिलाएं अपने मवेशियों की देखभाल करती हुईं (Image Credits : Hindustan Times)
पौने तीन लाख लीटर दूध की खरीदी रोज़
भोपाल (Bhopal) संघ को लेकर सीईओ तिवारी ने बताया- "2425 सहकारी दुग्ध समितियों से जुड़े किसानों से रोजाना औसतन 2.95 लाख लीटर रोज़ दूध लिया जा रहा. दुग्ध उत्पादकों किसानों को 460 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। सहकारी दुग्ध समितियों द्वारा राशि 8.42 करोड़ रुपए का मिला." भोपाल दुग्ध संघ परिसर में नए डेयरी प्रोडक्ट प्लांट की स्थापना का काम शुरू हो गया.