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घर का खाना अगर मिल जाए तो मानो एक नयी शक्ति सी महसूस होती है शरीर में. एक व्यक्ति यही उम्मीद करता है की उसे चाहे जितनी भी परेशानियां क्यों न हो, बस घर का खाना मिल जाए, तो वो हर तकलीफ को सह लेगा. हाल ही में देहरादून के दून अस्पताल, जो कि कोविड के समय बंद हो गया था, में अब स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं खाना बनाएंगी. जो थाली बाहर के मार्केट में 70 से 80 रुपये में मिलती है, वहीं, यह महिलाए सिर्फ 20 रूपए में खाने के लिए हर चीज़ प्रदान कर रहीं है.
जिम्मा नई आशा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने उठाया है जिससे उन्हें रोजगार भी मिल रहा है. यहां न सिर्फ थाली मिलती है बल्कि मरीजों के लिए खिचड़ी, दही आदि भी मिल जाती है. दिन में तीन वक्त का खाना मिलता है. हर दिन दाल और सब्जियां बदली जाती है. जरूरतमंद लोगों को मुफ्त भोजन भी दिया जाता है. महिलाओं का जीवन इस Self Help Group के साथ जुड़कर बदल रहा है, इस तरह की पहल सर्कार को शुरू करने के बारे में और सोचना चाहिए और अस्पताल में मिलने वाले खाने का टेंडर SHG की महिलाओं को देना चाहिए ताकि उन्हें रोजगार मिल सके और मरीजों को सेहत भरा खाना.