तमिलनाडु की बिज़नेस क्वींस को मिला "वज़्नथु कट्टुवोम" का समर्थन

तमिलनाडु सरकार, उधयनिधि स्टालिन के नेतृत्व में, "वज़्नथु कट्टुवोम" योजना को लागू कर रही है. इस योजना को CM स्टालिन ने शुरू किया. उधयनिधि स्टालिन ने बताया कि योजना के तहत, SHG से जुड़ी ग्रामीण उद्यमियों को सूक्ष्म लघु उद्योग शुरू करने में मदद मिलेगी. 

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मिस्बाह
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तमिल कहावत है, "साथ रहेंगे तो फायदे में रहेंगे". तमिलनाडु  (Tamilnadu) सरकार वंचित महिलाओं को एक साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहीं है, ताकि सभी एकता की शक्ति से फायदा ले सकें. वज़्नथु कट्टुवोम योजना इसका ही उदाहरण है. तमिलनाडु सरकार, उधयनिधि स्टालिन के नेतृत्व में, 'वज़्नथु कट्टुवोम' (Vazhnthu Kattuvom Yojana) योजना को लागू कर रही है. इस योजना को हाल ही में मुख्यमंत्री स्टालिन (CM Stalin) ने शुरू किया. उधयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने अपने ट्वीट में बताया कि योजना के तहत, स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) से जुड़ी ग्रामीण उद्यमियों (Rural entrepreneurs) को सूक्ष्म लघु उद्योग (micro small scale industry) शुरू करने में मदद मिलेगी. 

SHG  को दी जाएगी 5.60 लाख रुपये की लोन सुविधा 

स्वयं सहायता समूहों (women SHG) को 5.60 लाख रुपये के लोन की सुविधा दी जाएगी. इसका लक्ष्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त (financially independent) और स्वावलंबी बनाना है. उधयनिधि स्टालिन ने वजन्तु कटुवोम योजना के तहत संगठनों की सहभागिता के लिए कार्यक्रम आयोजित किया. इसमें सिवगंगाई वेलुनाचियर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, थेनी अघमालै स्पाइसेस फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड, चेंगलपट्टू फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड आदि संगठन शामिल हैं. कार्यक्रम में, कई लोगों को लोन दिया गया और सहभागियों ने उनके मान्यता प्राप्त प्रोडक्ट्स के बारे में बताया.

बीचवानों को ख़त्म करना है योजना का लक्ष्य 

योजना का लक्ष्य बाज़ार में बीचवानों को ख़त्म करना है. इसके लिए स्वयं सहायता समूहों (SHG) से संपर्क किया जा रहा है. वालनादु सस्टेनेबल एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सुबाशिनी श्रीधर ने बताया कि उन्होंने 700 किसानों के साथ धान का उत्पादन बढ़ाने के लिए वैल्यू एडिशन का काम किया है.

सिर्फ़ा चावल ही नहीं, कारप्पु कवुनि, मप्पिल्लै साम्बा, किचिली साम्बा, सीरगा साम्बा जैसे धान के अलावा उन्होंने ताड़ वृक्ष से बने उत्पाद, कपड़े के बैग, जूट के बैग और जल चरपाएं समेत अन्य उत्पाद भी बनाए हैं. उनकी कंपनी पहले अकेले काम करती थी, लेकिन वजन्तु कटुवोम योजना के बाद लगभग 600 महिलाएं जुड़ी है, जिससे कंपनी को नई पहचान मिली है.

स्रीरंगम बनाना फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के सीईओ बताते हैं कि कंपनी में 1200 महिला सदस्य हैं, जिनमें से 817 शयरहोल्डर हैं. विलुप्पुरम संकरबरणी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की प्रतिनिधि कहती हैं कि कंपनी के लिए तेल निष्कर्षण मशीन को सरकार द्वारा प्रदान किए गए ऋण से खरीदा गया है. नई मशीन के साथ, अब कंपनी तेल निष्कर्षण कर रही है और उसे सीधे मार्केट में बेचती है, जिससे कंपनी को अधिक आय मिलती है.

सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी उद्यमशीलता (supporting entrepreneurship) को बढ़ावा देने के लिए, महिला स्वयं सहायता समूहों को लोन दिया जा रहा है. महिला-नेतृत्व वाले संगठन कृषि उत्पादन, वैल्यू एडिशन और अपने उत्पादों की मार्केटिंग कर रहे हैं, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है. सरकार के प्रयास आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने में महिलाओं की भागीदारी की ज़रुरत पर ज़ोर दाल रहे हैं और दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन रहे हैं. 

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