केंद्र सरकार (Central Government) और उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने SHG महिलाओं की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग योजनाएं शुरू की है. इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ आर्थिक रूप से सशक्त (Women Empowerment) हुई हैं. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (women self help groups) ने पोषण आहार, गहनों और टेडी बियर जैसे प्रोडक्ट्स बनाने का काम शुरू किया है.
SHG का सालाना टर्नओवर लाखों में
सदर तहसील परसाजागीर की रहने वाली महिलाओं ने साल 2016 में, राष्ट्रीय आजीविका मिशन (National Livelihood Mission) के तहत, समूह बनाया. समूह से पंद्रह हज़ार रुपये का CLF लोन (CLF Loan) लेकर टेडी बियर (teddy bear) बनाने का काम शुरू किया. महिलाओं की सफल मेहनत और लगन का फल है की, आज समूह से जुड़ी हर महिला महीने में 10,000 से 15,000 रुपए कमा रही हैं. समूह का सालाना टर्नओवर आज लाखों में है.
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Self Help Group सदस्य ज्योति बताती है कि, "उनके समूह में दस महिलाएं हैं, जो हर दिन 5 से 6 घंटे काम कर महीने में 12,000 से 15,000 रुपये कमाती हैं. एक टेडी बियर बनाने में पचास से सौ रुपये खर्च आता है, और इसे वह बाजार में दोगुने भाव में बेचती हैं."
SHG महिलाओं को कई पुरस्कार से नवाज़ा गया
जय मां लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह को कई पुरस्कार भी मिले हैं. साल 2017 में, उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन (Uttar Pradesh State Livelihood Mission) ने और साल 2018 में, दिल्ली के प्रगति मैदान (Pragati Maidan, Delhi) में सरस आजीविका मिशन (Saras Livelihood Mission) के द्वारा इस समूह का सम्मानित किया गया.
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सरकार से मिल रही SHG को मदद
जय मां लक्ष्मी समूह की सदस्य शकुंतला देवी बताती है कि, "सरकार की तरफ से समूह को आगे बढ़ाने के लिए पहले 15,000 रुपये और फिर 35,000 रुपये की सहायता मिली. हाल ही में सरकार द्वारा समूह को 1,10,000 रुपये की सहायता दी गई है."
डीएम बस्ती आंद्रा वामसी बताती है कि, "जनपद में दस हज़ार से ज़्यादा स्वयं सहायता समूह संचालित हो रहे हैं. समूह के ज़रिये महिलाएं ट्रेनिंग लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही हैं."
केंद्र और राज्य सरकार का उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को Self Help Groups में शामिल कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है.