बिज़नेस के क्षेत्र में, यह अक्सर कहा जाता है कि सफ़लता चुनौतियों पर नहीं, चुनौतियों के प्रति हमारी प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है. यह उन महिला उद्यमियों के लिए सच है जो बाधाओं को पार कर अपनी पहचान बनाती हैं.
सिर्फ 20% बिज़नेस महिलाओं के
देश में सिर्फ 20% व्यवसाय महिलाओं के हैं (businesses owned by women). 2019 गूगल-बेन रिपोर्ट (2019 Google-Bain report) बताती है कि इनमें से लगभग 10-30% व्यवसाय वास्तव में महिलाओं द्वारा नहीं चलाए जाते, बल्कि दूसरे लोग महिला उद्यमियों (women entrepreneurs) के लिए दिए जा रहे लाभों का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं.
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इन चुनौतियों की वजह सामाजिक मानदंड (social norms), जिम्मेदारियों का साझा न होना, और फंडिंग सुरक्षित करने, नेटवर्क तक पहुंचने और सलाहकारों को खोजने में मुश्किलों को सामना करना है (challenges faced by female entrepreneurs).
महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए Visa और United Way Mumbai ने मिलाया हाथ
इन चुनौतियों का समाधान निकालने और महिला उद्यमियों का समर्थन करने के लिए Visa ने United Way Mumbai (UWM) के साथ साझेदारी की. ग्रामीण महिलाओं (rural women) को उद्यमिता, इन्क्लूसिविटी (inclusivity) और स्वतंत्रता के ज़रिये सशक्त (women empowerment) बनाने के लिए, वीज़ा एक मल्टी-ईयर कार्यक्रम के लिए यूनाइटेड वे मुंबई (UWM) के साथ सहयोग कर रहा है, जिसका लक्ष्य कम से कम 8,500 महिला सूक्ष्म-उद्यमियों (micro-entrepreneurs) का समर्थन करना है.
इस कार्यक्रम के तीन मुख्य पिलर्स हैं - फाइनेंशियल इन्क्लूशन (financial inclusion) के लिए ज्ञान और सेवाओं तक पहुंच, उद्यमिता विकास (entrepreneurship development) और स्वयं सहायता समूहों (self help groups) का गठन. भारत में चार राज्यों में चल रहे इस प्रोजेक्ट ने पिछले वित्तीय वर्ष (2022-2023) में सफ़लता हासिल की है, 244 गांवों और वार्डों तक पहुंच बनाई और 8,800 से ज़्यादा महिलाओं को लाभ पहुंचाया (VISA social work).
प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने के बाद महिलाओं ने वित्तीय और बुनियादी बैंकिंग सेवाओं से जुड़ी ज़रूरी बातें सीखी, व्यावसायिक कौशल (professional skills) हासिल किया जिससे उन्हें खुद का व्यवसाय शुरू करने की क्षमता मिली.
पहल के ज़रिये फाइनेंशियल इन्क्लूशन को पंहुचा रहे ग्रामीण इलाकों तक
Visa डिजिटल पेमेंट के लिए अपनाया गया विश्वनीय नाम है, जो फाइनेंशियल सेवाओं (financial services) को देश के कोने-कोने तक ले जाने के मिशन पर है (about Visa in Hindi). United Way Mumbai का लक्ष्य सामुदायिक स्थितियों में सुधार की दिशा में काम करने के लिए लोगों, गैर सरकारी संगठनों (NGO), कंपनियों और सरकारी एजेंसियों को एक साथ लाना है. VISA और United Way Mumbai का साझा प्रयास ग्रामीण इलाकों में फाइनेंशियल लिट्रेसी (financial literacy in rural areas) बढ़ाने की दिशा में अहम कदम साबित होआ.
जैसे ही कार्यक्रम में महिलाएं जुड़ती गई, समुदाय से सहकर्मी शिक्षकों ने नामांकन किया और महिला लाभार्थियों के साथ विश्वास स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई. नुक्कड़ नाटकों और आउटरीच सत्रों (outreach sessions) के ज़रिये महिलाओं और उनके परिवारों को वित्तीय साक्षरता (financial literacy of rural women) से जुड़े मुद्दों पर जागरूक किया.
4,400 महिलाओं को मिला वित्तीय सेवाओं और योजनाओं से जुड़ने का अवसर
5,500 से ज़्यादा महिलाओं को कोर्स मटेरियल (course material) और विशेष बजट डायरियां (budget diaries) वितरित की, लगभग 4,400 महिलाओं के लिए वित्तीय सेवाओं (financial services) और योजनाओं (schemes) से जुड़ने की सुविधा प्रदान की, और कई गांवों और वार्डों में ट्रेनिंग आयोजित की गई.
Visa और UWM टीम की पहल से जुड़कर नमृता अपनी आमदनी को अच्छी तरह से मैनेज कर रही है. वह बताती है, "पहले, मैं सिर्फ 30 रुपये प्रति मीटर पर रेशम की बुनाई करती थी. अब, पहल के समर्थन से, मैं अपने उत्पाद बाजार में बेचती हूं और न सिर्फ ज़्यादा बुनाई शुल्क कमाती हूं, बल्कि मुनाफा भी अपने पास रखती हूं. इस मुनाफे से में अपने व्यवसाय को बढ़ाऊगी. अब मैं अपने बच्चों को कोचिंग सेंटर भेज पा रही हूं. मेरे पति भी अब मुझे वित्तीय मामलों में शामिल करते हैं."
उद्यमिता और आर्थिक आज़ादी (financial freedom) हासिल करने की राह में महिलाओं के सामने चुनौतियां बरकरार हैं, फिर भी नमृता जैसी कहानियां बताती हैं कि इन चुनौतियों के प्रति हमारी प्रतिक्रिया हमारी यात्रा को आकार देती है. इन चल रही पहलों के ज़रिये, नमृता जैसी महिलाओं को न सिर्फ ज़रूरी समर्थन मिल रहा है, बल्कि वे दूसरी महिलाओं को अपने सपनें पूरे करने की हिम्मत भी दे रही हैं.