प्रदेश की महिलाएं बनेंगी उद्यमी

आने वाले दिनों में प्रदेश के कई जिलों में महिला उद्यमी अपनी यूनिट के साथ नज़र आएंगी. बैतूल में जिले में एक सफल यूनिट के बाद केंद्र सरकार ने ये सौगात दी. पूरे प्रदेश से मिले हज़ारों आवेदन से चयनित महिलाओं को शासन यूनिट स्थापित करने में मदद करेगा. 

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बैतूल जिले खापरखेड़ा गांव में अपने खेत में लक्ष्मी परते (Image credits: Ravivar Vichar) 

समूह की महिलाओं को ट्रेनिंग और सब्सिडी  

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खादय उद्यम उन्नयन योजना (PM Micro Food Enterprises Upgradation Scheme ) के लिए प्रदेश में लोन स्वीकृत किया. इस योजना के लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) शिवराज सिंह चौहान  (Shivraj Singh Chauhan) की पहल पर दस हजार से ज्यादा इच्छुक महिलाओं ने आवेदन किए. स्क्रूटनी के बाद प्रदेश में 1772  उद्यमियों को लोन स्वीकृत कर दिया गया. इसमें सबसे ज्यादा 116 इकाइयां ग्वालियर में लगेंगी. दूसरे नंबर पर 100 इकाइयां खरगोन में, रीवा में 47, बालाघाट में 23, टीकमगढ़ में 27 और होशंगाबाद में 22 इकाइयां लगेंगी. शासन ने आश्वस्त किया कि चयनित महिला उद्यमियों को स्थापित होने के लिए दस लाख रुपए की सब्सिडी भी दी जाएगी.

बैतूल का समूह बना मॉडल

केंद्र सरकार ने कई महिला उद्यमियों के काम और सफलता को देखा. इस प्रक्रिया में प्रदेश के बैतूल (Betul) के जमुना स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) को सबसे बढ़िया माना. उनकी सफलता ने ही उनको मॉडल उद्यमी की श्रेणी में खड़ा किया. इस समूह से जुड़ी ममता धुर्वे बताती हैं- "सदस्यों को खादय प्रसंस्करण (Food Processing) में प्रशिक्षण मिला. समूह ने आम का अचार बनाना शुरू किया. शुरुआत में एक हजार रुपए महीना ही कमाई हुई.धीरे-धीरे कमाई 5 से 10 हजार रुपए तक बढ़ी." इस समूह का अचार और दूसरे आइटम्स को काफी पसंद किया जा रहा. इस समूह (SHG) की लक्ष्मी परते कहती हैं- "शासन और आजीविका मिशन सेमिलने वाले प्रोत्साहन और ट्रेनिंग से बहुत फायदा हुआ. बाद में प्राकृतिक कीटनाशक तैयार करना शुरू किया इसमें नीमास्त्र, दशपर्णी अर्क और जीवनामृत मुख्य कीटनाशक उत्पाद शामिल हैं." 

अवार्ड से बढ़ा मनोबल 

केंद्र सरकार ने जिस जमुना समूह (SHG) को सबसे अव्वल बताया.इस समूह (SHG) की सदस्य सम्मानित हुईं. बैतूल आजीविका मिशन (Ajeevika MIssion) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) सुनील पंवार बताते हैं- "बैतूल के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने ख़ुशी जाहिर की कि जिले कि उद्यमी महिलाओं ने देश में अलग पहचान बनाई.जिले की किसान दीदियों ने जैविक खेती और फ़ूड प्रोसेसिंग  को अपनाया. यही वजह समूह की महिलाएं सम्मानित हुईं."

फ़ूड प्रोसेसिंग (Food Processing) में समूह के अच्छे प्रदर्शन से दो साल पहले जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविदयालय (Jawaharlal Nehru Agricultural University) जबलपुर (Jabalpur) ने सदस्य लक्ष्मी परते को उत्कृष्ट महिला सम्मान दिया था. इसी समूह की दूसरी सदस्य सदस्य ममता धुर्वे को बैतूल के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-किसान विज्ञान केन्द्र (KVK) वर्ष 2020-21 में सर्वश्रेष्ठ महिला कृषक का सम्मान दे चुकी है.

बैतूल के स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने ख़ुशी जाहिर की कि जिले कि उद्यमी महिलाओं ने देश में अलग पहचान बनाई. कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ रहे और वर्तमान में होशंगाबाद के पंवारखेड़ा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक  डॉ.सुनील वर्मा कहते हैं- "बैतूल में स्वयं सहायता समूह और किसान दीदियों ने बहुत मेहनत की. वैज्ञानिकों के दिए गए सुझावों को माना. संस्था के ही वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.विजय कुमार वर्मा के नेतृत्व और गाइडेंस में अभी और महिलाओं को भी इस दिशा में तैयार किया जा रहा है."

 

 







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