Imphal के राहत शिविरों में बुनकरों को मिला Skill Upgradation का अवसर

हैंडलूम कारीगरों का समर्थन करने के लिए बुनकर सेवा केंद्र (WSC), इम्फाल द्वारा आयोजित समर्थ योजना के तहत हथकरघा बुनाई पर skill upgradation training का आयोजन किया गया.

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मिस्बाह
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skill upgradation in relief camps of Imphal

Image: Ravivar vichar

मणिपुर की राजधानी Imphal अपने खूबसूरत लैंडस्कैप के साथ इम्प्रेसिव हैंडलूम (Manipur handloom) के लिए भी जाना जाता है. हैंडलूम इंडस्ट्री राज्य का सबसे बड़ा कुटीर उद्योग है, जिसने हज़ारों कारीगरों को रोज़गार दिया हुआ है.

समर्थ योजना के तहत हथकरघा बुनाई पर skill upgradation training का हुआ आयोजन

हैंडलूम कारीगरों का समर्थन करने के लिए बुनकर सेवा केंद्र (WSC), इम्फाल द्वारा आयोजित समर्थ योजना के तहत हथकरघा बुनाई पर skill upgradation training का आयोजन किया गया. इवेंट एम/एस लिंगजेनथोइबी स्वयं सहायता समूह (self help groups in manipur), खोंगमान जोन- II, इम्फाल पूर्व के प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित हुआ.

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Image Credits: e-pao

भारत सरकार के Textile Ministry के Development Commissioner for Handlooms द्वारा स्पोंसर्ड 45 दिनों के लंबे प्रशिक्षण कार्यक्रम को ख़ासकर आइडियल कॉलेज रिलीफ कैंप, अकम्पट के वीवर-इन्मेट्स के लिए आयोजित किया गया. इवेंट का उद्घाटन इंफाल ईस्ट की डिप्टी कमिश्नर,खुमानथेम डायना देवी द्वारा किया गया. 

कपड़ा मंत्रालय के तहत सर्टिफाइड वीवर्स बनने में मिलेगी मदद

थोंगजू केंद्र राहत समिति (TKRC) द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, उद्घाटन समारोह में WSC इंफाल, उप निदेशक, प्रियदर्शी दरिपा ने भाग लिया; जिला हथकरघा एवं कपड़ा, इंफाल पूर्व परियोजना प्रबंधक, वाई आशालता देवी; टीकेआरसी के अध्यक्ष सौग्राकपम इबोबी सिंह और शिन्था हैंडलूम्स एंड हैंडीक्राफ्ट्स के अध्यक्ष सौग्राकपम भुबोल प्रेसीडियम सदस्य के रूप में शामिल हुए.

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Image Credits: Destination Manipur

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, केएच डायना ने राहत शिविर के बुनकर-इन्मेट्स के लिए महत्वपूर्ण skill upgradation training आयोजित करने के लिए WSC इम्फाल के प्रयासों को सराहा. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम निश्चित रूप से इन्मेट्स को अपने कौशल को निखारने और भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के तहत सर्टिफाइड वीवर्स बनने में मदद करेगा.

"प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन बायो-मीट्रिक अटेंडेंस ली जाएगी. ट्रैनीस को कम से कम 80% उपस्थित अनिवार्य है. इन्मेट्स को प्रति दिन 300 रुपये का स्टाइपेंड दिया जाएगा", प्रियदर्शी दरिपा ने बताया.

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Trainees को मिल रहा Stipend

सौग्राकपम भुबोल ने वर्तमान में हिंसा से प्रभावित परिवारों (women affected by manipur violence) की समस्याओं को जानकर राहत शिविर के बुनकर-इन्मेट्स के लिए राज्य में पहली बार समर्थ प्रशिक्षण आयोजित करने पर खुशी व्यक्त की.

"45 दिनों में 100% अटेंडेंस वाले ट्रेनीस को प्रशिक्षण के अंत में कुल 13,500 रुपये मिलेंगे. उन्हें फाइनल असेसमेंट में उपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी और कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे. ये प्रमाणपत्र उनके बुनाई करियर और नौकरी प्लेसमेंट में उपयोगी होंगे", सौग्राकपम भुबोल ने बताया.

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