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Image- Ravivar vichar
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कहते है जिस भी काम को आसान और जल्दी और तेज़ी से करनवाने हो उसे महिलाओं को सौंप देना चाहिए. क्यों? क्योंकि महिलाओं में हर काम को आसान बनाकर खत्म करने की काबिलियत बचपन से ही होती है. और जैसे जैसे एक बच्ची में समझ आती है, वह और perfection की ओर बढ़ती रहती है. भारत में आज से 2 दशक पहले जो हाल थे वह कैसे थे, यह किसी से छुपा हुआ तो है नहीं. कारण था महिला भागीदारी की कमी.
लेकिन आज हालत बिल्कुल अलग है. हर काम में महिलाओं का योगदान तेज़ी से बढ़ रहा है. Science and technology से जुड़ी fields में महिलाओं का आना इस बात का सबूत है कि देश कि प्रगति को आसमान छूने से अब कोई नहीं रोक सकता.
इसी बात को सच साबित कर रहा है इन लड़कियों का समूह. और ये समूह कोई ऐसा वैसा समूह नहीं बल्कि उन women scientists का है जो भारत का पहला all women supervision satellite तैयार कर रही है. लाल बहादुर शास्त्री महिला प्रौद्योगिकी संस्थान की छात्राएं ultraviolet radiation और उसके प्रभावों को study करने के लिए करने के लिए एक small satellite बना रही हैं.
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Image Credits: India Strategic
WESAT जिसका fullform 'Women Engineered SATellite' है, को 1 January को Indian Space Research Organisation (ISRO) के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) पर ExPoSat mission में लॉन्च किया गया था. यह nanosatellite पूरी तरह महिलाओं की देखरेख में डिजाइन किया गया है जिसका वज़न 1 किलोग्राम है.
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संस्थान ने WESAT को सह-यात्री उपग्रह के रूप में लॉन्च करने के लिए Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) के साथ एक समझौता किया था. संस्थान के अनुसार, nanosatellite का उपयोग अंतरिक्ष और पृथ्वी की सतह पर UV rays और Kerala में warm temperatures और climate change phenomena पर उनके प्रभाव को मापने के लिए किया जाएगा.
Assistant Professor, Space Club coordinator और Principal Investigator Lizy Abraham ने कहा- "Payload design को छात्रों द्वारा तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद दिया गया है. परियोजना के हिस्से के रूप में, संस्थान ने एक ground monitoring station का निर्माण पूरा कर लिया है, जो अब operational है."
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