जब APJ Abdul Kalam और Vikram Sarabhai ने भारत का पहला satellite लॉन्च किया था, वे जानते थे कि हमारा देश बहुत जल्द यूनिवर्स की हर ऊंचाई के पार निकल जाएगा. 23rd august को चंद्रयान 3 की चांद पर (Shiv Shakti Point) पर कामयाब लैंडिंग के बाद आज एक और बहुत बड़ा दिन है भारत के हर नागरिक के लिए.
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Aditya L1 ने भरी सूर्य की तरफ उड़ान
चांद पर भारत का झंडा लहराने के बाद अब बारी है सूर्य को फ़तेह करने की. भारत का पहला सोलर मिशन Aditya L1 (Aditya L1 mission) अपनी कामियाबी की उड़ान successfully भर चुका है. 3rd स्टेज separation successful हो चुकी है. भारत की satellite को halo orbit में place किया जाएगा जो कि सूर्य और पृथ्वी की असल दूरी के 1 % पर स्थित है. इस मिशन की success में कई महिलाएं शामिल है. Project Director से लेकर research paper लिखने तक, हर department में महिलाओं का बहुत बड़ा रोल है.
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महिलाओं की लीड वाला मिशन है Aditya L1
निगार शाजी (Nigar Shaji Aditya L1) की प्रोजेक्ट डाइरेक्टर है, और इस पूरे मिशन के सक्सेस की रूपरेखा तैयार कर रही है तमिलनाडु की 59 वर्षीय साइंटिस्ट निगार. Dr. Muthu Priyal VELC के लिए Data Pipeline के development को लीड करेंगी. Dr. Piyali Chatterjee इस मिशन के solar astronomy group का एक major हिस्सा है.सूर्य और सोलर सिस्टम को हर वक़्त चेक करना भी बेहद ज़रूरी है, जिसका बड़ा हिस्सा है सिन्धुजा जी. (Sindhuja G.). इस मिशन पर लिखे गयी रिसर्च पेपर्स को पूरा करने में चावली सुमना (Chavali Sumana) एक बड़ा हिस्सा रही है.
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भारत का पहला सोलर मिशन है Aditya L 1
आदित्य L1 लॉन्च भारत (Aditya L1 Launch India) के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित होगी. देश में ISRO आज जिस मुकाम पर है, वह पूरी दुनिया पर राज करने के लिए तैयार है. ईसरो (ISRO India solar mission) में महिलाओं की संख्या बढ़ती जा रही है. देश में जहां महिलाओं को सिर्फ चूल्हे चौके तक रखने की बात करते है कुछ लोग, उन्हें इन फीमेल साइंटिस्ट्स (Female Scientist ISRO) से मिलना चाहिए. सिर्फ चंद्रमा और सूर्य की पूजा ही नहीं बल्कि ये वहा तक पहुंचने का दम भी रखती है ये महिलाएं.