दूसरे के घरों को रोशन कर अपनी जिंदगी में उजाला कर रहीं ये महिलाएं

मोमबत्ती बनाने के इस कार्य में महिलाएं न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही हैं,बल्कि उन्होंने दूसरों के साथ भागीदारी कर एक समृद्ध सामाजिक परिवर्तन भी लाया है.इससे वे आत्मनिर्भर तो बन ही रही हैं,दूसरों के घरों को रोशन कर रही है .

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Image: Ravivar Vichar

जब बात आती है सामाजिक परिवर्तन की, तो कई बार हम उसे बड़ी सोच, बड़ा प्लान, या फिर बड़ा बजट समझते हैं. हालांकि, यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि बड़ा परिवर्तन हमेशा बड़ी कोशिश से ही होता है. कभी-कभी छोटी सी कोशिश ही काफी होती हैं जो जीवन में बड़ा बदलाव ला सके. इसी तरह की छोटी-छोटी कोशिशों का उदाहरण हैं वह महिलाएं जो अपनी जिंदगी में उजाला फैलाने के लिए 'मोमबत्ती' को ज़रिया बना रही हैं.

आपने कभी सोचा है कि कैसे एक छोटी सी मोमबत्ती दूसरों के घरों की रौशनी बन सकती है? यह बात ही कुछ खास है जब हम इस पर गौर करते हैं कि कुछ महिलाएं इसी तरीके से अपनी जिंदगी को एक नए रूप में सजाकर, दूसरों की जिंदगी में रौशनी फैला रही हैं. इन महिलाओं को आप दूसरों की ज़िन्दगियों में रौशनी फैलाने का ज़रिया भी समझ ले तो कोई बहुत बड़ी बात नहीं होगी.

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चमोली गांव की महिलाओं ने SHG से जुड़कर बनाया एक business plan 

शुरुआत हमेशा कुछ छोटे कदमों से ही होती है, इस तरह चमोली गांव की महिलाओं ने धीरे धीरे SHG से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा दिया है. वे सभी, ग्रुप में नए नए ideas से business  प्लान तैयार कर रही हैं और अपने घर के नज़दीक कुछ ही घंटे काम कर अच्छा लाभ कमा रही हैं. उत्तराखंड के Chamoli जिले में Bhotiya tribe की महिलाओं ने जड़ी-बूटियों को खोजने और ऊनी कपड़ों को बनाने के साथ अब मोमबत्ती को भी अपने रोजगार का ज़रिया बना लिया है. इससे वे आत्मनिर्भर तो बन ही रही हैं, साथ ही दूसरों के घरों को रोशन करने का काम भी कर रही हैं.

मोमबत्ती बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं महिलाएं 

SHG से जुड़ीं उर्मिला राणा बताती हैं कि- "हमारे समूह का नाम मां चंडिका self help group है, जहां हम मोमबत्ती बनाकर आत्मनिर्भर बन रहें हैं."

इसके लिए वह बाज़ार से करीब 8 हजार रुपये का material खरीदकर हैं, सांचे का आकार देकर मोमबत्ती तैयार करती है. वह यह काम सिर्फ 3 से 4 घंटे ही करती हैं, जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण करने के साथ साथ करीब दो से ढाई हजार कमा लेती हैं. समूह के माध्यम से ही वह जगह जगह जाकर अपना स्टॉल लगा रहीं है जिससे वह लोगों से भी जुड़ पाती हैं.

मोमबत्ती बनाने के इस कार्य में महिलाएं न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही हैं, बल्कि उन्होंने दूसरों के साथ भागीदारी कर एक समृद्ध सामाजिक परिवर्तन भी लाया है.

इससे साबित हो रहा है कि यदि किसी के पास नेक इरादे और सही मेहनत हो, तो वह किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकता है. इस कहानी से यह भी साबित होता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं और वे न केवल अपने परिवार और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए योगदान कर सकती हैं, बल्कि खुद भी एक सकारात्मक उदाहरण बन सकती हैं.

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