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![20 मिनिट में मेडिकल ड्रोन ने पूरा किया](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/wBdmIOeIQj8LWOVjrU0i.jpg)
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में ड्रोन उड़ाने के पहले तैयारी करते हुए (Image: Ravivar Vichar)
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में ड्रोन उड़ाने के पहले तैयारी करते हुए (Image: Ravivar Vichar)
CG के Ambikapur के राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर के बीच Medical Drone Method सफल रही.खास बात यह ड्रोन SHG की सदस्य ने कंट्रोल किया.
CG के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में SHG की Aarti के हाथों में remote था. Medical प्रशासन ने ड्रोन में Life Saving Medicine रखी. Drone Pilot दीदी आरती ने जैसे रिमोट को ऑपरेट किया वैसे ड्रोन देखते ही देखते आसमान में ओझल हो गया. मेडिकल कॉलेज के डीन और दूसरे स्टाफ की सांसें थमी रही.20 मिनिट बाद ही सूचना मिली Udaipur हॉस्पिटल में ड्रोन दवाइयों के साथ सुरक्षित उतर गया. अगले 20 मिनिट में ठीक यही ड्रोन ब्लड सैंपल लेकर लौट आया. मेडिकल कॉलेज और Ajeevika Mission Bihan के सटाफ की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा.
40 किमी की दूरी drone ने महज 20 मिनिट में पूरी कर ली.
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी आरती और संध्या ने दिल्ली के डीजीसीए स्वीकृत Remote Pilot कोर्स में ट्रेनिंग ली. पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार के परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय द्वारा पहले चरण में देश के 660 मेडिकल कॉलेजों में से 25 मेडिकल कॉलेजों का चयन किया गया. इसके लिए 150 महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही.मेडिकल कॉलेज से फीडबैक लेकर इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जाएगा.
किसान दीदियों के ड्रोन पॉयलेट बन जाने के बाद अब निगाहें रिमोट पॉयलेट पर हैं.
अंबिकापुर में Drone Pilot Aarti Chadar और उदयपुर की Sandhya कहती हैं-"ख़ुशी है कि medicine के साथ ड्रोन सफलता पूर्वक उड़ा सकी. हम किसी मरीज़ की जान बचा सकेंगे.SHG से जुड़ने के बाद हमारी ज़िंदगी बदल गई."
एक्सपर्ट्स ड्रोन में medicine रख तैयार करते हुए (Image: Ravivar Vichar)
मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के डीन डॉ. रमणेश मूर्ति और अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी आर्य सहित अन्य लोग परिसर में मौजूद थे. डॉक्टर्स का कहना है भविष्य में दुर्गम पहाड़ी इलकाओं में ये ड्रोन वरदान साबित होंगे.
Ambikapur District Project Manager (DPM) Rahul Mishra कहते हैं-"यह हमारे जिले के लिए बड़ी चुनौती थी. Self help group की महिलाओं ने इसे सफल किया. हमारे जिले में SHG की महिलाएं कई तरह के रोजगार से जुड़ीं हुईं है."
दिल्ली में ट्रेनिंग के दौरान आरती चराड (Image: Ravivar Vichar)
Ajeevika Mission Bihan District Mission Manager (DMM) Neeraj Namdeo बताते हैं- "यह जिले के लिए बड़ी बात है कि पॉयलेट प्रोजेक्ट में हमें चुना गया. समूह की सदस्य ड्रोन उड़ाने में सफल रहीं.हम लगातार दूसरे काम में भी महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहे."
देश में MP के Bhopal में भी प्रोजेक्ट सफल रहा. इसके अलावा ओडिशा,अरुणाचल प्रदेश में भी प्रयोग किए जा रहे.