चाहे बात amul की करें, cafe coffee day की करे या lijjat papad की, शुरुआत में ये सब brands एक विचार ही होंगे... लेकिन आज ये भारत के top brands है. कहना का तात्पर्य यह है कि हर great business एक समय पर सिर्फ छोटा सा idea ही होता है. अगर उस idea को सही तरीके से पनपाया जाए तो वो इतना बड़ा नाम बन ही जाता है.
इस बात को देश की सरकार जानने के साथ मानती भी है. हाल ही में छत्तीसगढ़ कांकेर की एक खबर सामने आई है जहां एमजीटी महिला जल शक्ति समूह का प्रतिनिधि मंडल सहकारिता के शीर्ष नेतृत्व जिला वनोपज सहकारी संघ के अध्यक्ष एवं राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व सदस्य नितिन पोटाई से मुलाकात करने पंहुचा और उनके self help group की मदद करने का आग्रह किया.
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Chhattisgarh की महिलाओं ने बनाया millet cafe
जल शक्ति समूह ने बताया कि उनके द्वारा ‘मिलेट महतारी कैफे' (millet cafe chhattisgarh) तैयार किया गया है जिसमें बस्तर उत्पादित मिलेट अनाज से गुणवत्ता युक्त खाद्य पदार्थों का निर्माण किया जाता है. इसके प्रचार-प्रसार के लिए समूह निरंतर प्रयत्नशील भी है. इस संस्था के माध्यम से महिलाओं को एक कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का कार्य किया जा रहा है जो कि महिला सशक्तिकरण (steps for women empowerment) की दिशा में एक सार्थक प्रयास है. वर्ष 2023-24 को मिलेट वर्ष (Millet year 2023) घोषित किये जाने से इन महिलाओं के प्रयासों को अऊर मजबूती मिली है.
अपने millet centre के विस्तार पर कर रही काम
अब महिलाएं संस्था के विस्तार के लिए कार्य कर रही है और इसलिए वे सहयोग के लिए प्रतिनिधि मंडल के रूप में श्री पोटाई जी से मुलाकात करने आईं थी.
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वनोपज संघ अध्यक्ष नितिन पोटाई ने महिलाओं से बातचीत करते हुए कहा कि- "आपका यह प्रयास सराहनीय है और इससे महिलाएं संगठित होंगी जिसका दूरगामी परिणाम ज़रूर देखने मिलेगा. गुजरात की प्रदेश स्तरीय सेवा सहकारी संघ तो महिलाओं को लेकर बनी अब तक की सबसे अच्छी संस्था है. सहकारिता को बढ़ावा देना मेरा प्रमुख लक्ष्य है इसीलिए आपकी संस्था को मेरी ओर से हर संभव मदद की जाएगी."
श्री पोटाई ने महिलाओं को सुझाव देते हुए कहा कि- "आप इस संस्था का पंजीयन सहकारी संस्था में करायें ताकि आपके उत्पादों को brand name मिल जाए और बिक्री अच्छी हो सकें. सहकारी समिति बनने से आपकी संस्था की महिलाओं को जिला सहकारी संघ के माध्यम से नेतृत्व विकास कार्यक्रम हेतु प्रशिक्षण के लिए नई दिल्ली भी भेजा जायेगा जहां देश के विभिन्न प्रदेशों से आये हुए सहकारी समितियों की महिलाओं से अपने विचार साझा करने का अवसर मिलेगा और उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं को भी देखकर सीखने मिलेगा."
संस्था के महिलाओं ने बताया कि वर्तमान में कांकेर शहर में शासकीय भानुप्रतापदेव महाविद्यालय के सामने 'मिलेट महतारी कैफे' का संचालन किया जा रहा है जिसमें मुख्य रूप से ज्वार आटे की इडली, मड़िया का फरा-चीला, कोदो, कुटकी, ज्वार का पोहा, ज्वार का दोसा, कोदो की चाय जैसी मोटे अनाज से बनने वाली वस्तुओं का निर्माण किया जाता है. अभी व्यवसाय अच्छा है लेकिन यदि जिले के विभिन्न शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थाओं में यहां के खाद्य पदार्थों का उपयोग हो तो संस्था को अतिरिक्त लाभ मिलेगा.
यह कैफे एक प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा हर महिला या महिला समूह (SHGs) के लिए जो अपने जीवन को बदलने की लिए हरसंभव प्रयास करने के लिए तैयार है. महिलाओं को अक्सर रोकने के और अपने पंख ना पसारने देने के प्रयास किए है लोगों ने. लेकिन अब माहौल दूसरा है और सरकार महिला सशक्तकरण को अपनी प्राथमिकता बना चुकी है.