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वॉटर गवर्नेंस (women in water governance) को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने अहम कदम उठाया. आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने 'Women for Water, Water for Women Campaign' शुरू किया. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के साथ साझेदारी में अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के तहत शुरू किया गया.
"Women for Water, Water for Women Campaign" जल संसाधनों के प्रबंधन और देखरेख में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है (women in water management). अपने शहरों में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) की विजिट्स के ज़रिये, महिलाओं को जल उपचार प्रक्रियाओं के बारे में बताया जायेगा.
Image Credits: Ommcom News
"पानी के लिए महिलाएं, महिलाओं के लिए पानी अभियान" "जल दिवाली" के पहले चरण में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की 15 हज़ार से ज़्यादा SHG महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद है. यह "जल दिवाली" अभियान भारत में लिंग-समावेशी जल प्रशासन के एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है.
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नागरिकों को स्वच्छ पानी मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को जल गुणवत्ता परीक्षण प्रोटोकॉल पर शिक्षित किया जाएगा. अभियान का लक्ष्य महिलाओं में जल बुनियादी ढांचे के प्रति स्वामित्व और अपनेपन की भावना पैदा करना है.
भारत में 3,000 से ज़्यादा जल उपचार संयंत्र हैं, जिनकी डिजाइन जल उपचार क्षमता 65 हज़ार MLD से ज़्यादा और ऑपरेशनल कैपेसिटी 55 हज़ार MLD से ज़्यादा है. इस अभियान के दौरान, महिला स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) 550 से ज़्यादा जल उपचार संयंत्रों का दौरा करेंगे, जिनकी संयुक्त ऑपरेशनल कैपेसिटी 20 हज़ार MLD से ज़्यादा है, जो देश की कुल जल उपचार क्षमता का 35% है.
घरेलू जल प्रबंधन में महिलाओं की अहम भूमिका को पहचानते हुए, MoHUA का लक्ष्य उन्हें जल उपचार प्रक्रियाओं और बुनियादी ढांचे के बारे में ज्ञान देकर सशक्त बनाना है. यह सशक्तिकरण उनके घरों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल तक पहुंच सुनिश्चित करने, लैंगिक समानता के मुद्दों को संबोधित करने और पारंपरिक रूप से मेल डोमिनेटेड फील्ड में इन्क्लूसिविटी को बढ़ावा देगा.