हर फील्ड में आज तकनीक (technology) का बोलबाला है. तकनीक ने काम की क्वालिटी (quality) और क्वांटिटी (quantity) दोनों को बढ़ाया है. कृषि (Agriculture) में भी अगर तकनीक का सहारा लिया जाए तो कई लाभ मिल सकेंगे.
एग्रो डिजिटाइजेशन से होगा सस्टेनेबल भविष्य का रास्ता आसान
"मिट्टी के स्वास्थ्य (soil health), फसल की स्थिति और मौसम के पैटर्न पर रियल टाइम डेटा (real-time data) जानकर, किसान बेहतर निर्णय ले सकते हैं. एग्रो डिजिटाइजेशन (Agro digitisation) से कृषि वैल्यू चैन (agricultural value chain) को फायदा मिलेगा, जिससे सस्टेनेबल भविष्य (sustainable future)का रास्ता आसान होगा," जीसी शिवकुमार, कंट्री जनरल मैनेजर, ईस्ट-वेस्ट सीड इंडिया (GC Shivakumar, Country General Manager, East-West Seed India) ने कहा.
ईस्ट-वेस्ट सीड इंडिया, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (WTC) शमशाबाद और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Shamshabad, and Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry - FICCI) द्वारा आयोजित 'डिजिटल एग्रीकल्चर इकोनॉमी - प्रोपेलिंग द न्यू ग्रोथ कर्व' (‘Digital Agriculture Economy - Propelling the New Growth Curve’) वेबिनार (webinar) में हिस्सा लेते हुए कहा.
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इस अवसर पर, शिवकुमार ने कहा, “इस वेबिनार का लक्ष्य कृषि से जुड़े अहम मुद्दों पर ध्यान देते हुए इस क्षेत्र में प्रगतिशील सोच और संवाद को बढ़ावा देना है. कृषि क्षेत्र में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी (advanced technology in agriculture) के ज़रिये उत्पादकता, क्षमता और सस्टेनेबिलिटी (sustainability) बढ़ाने में मदद मिलेगी."
FPO और SHG की डिजिटल लिटरेसी बढ़ाकर होगी आर्थिक आज़ादी हासिल
कलगुडी के उपाध्यक्ष डॉ. वेणु माधव मार्गम (Dr.Venu Madhav Margam, Vice President, Kalgudi) ने कहा, “डिजिटल शक्ति में छोटे उत्पादकों और ग्रामीण महिलाओं को लाभ पहुंचाने सहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था में क्रांति लाने की क्षमता है. किसान उत्पादक संगठनों (FPO) और महिला स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group) जैसे ग्रामीण समूहों की डिजिटल लिटरेसी (digital literacy)बढ़ाकर उन्हें आर्थिक आज़ादी (financial freedom)और सामूहिक लाभ हासिल करने में सहायता मिलेगी. ई-कॉमर्स (E-Commerce) के ज़रिये फॉरवर्ड और बैकवर्ड मार्केट लिंकेज (Forward and Backward Market Linkage)उनकी ऑपरेटिंग कॉस्ट (operating cost) को कम कर आय में बढ़ोतरी करने में योगदान देंगे."
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कृषि महाविद्यालय, जीकेवीके, बेंगलुरु के डीन प्रोफेसर प्रकाश नागाबोवनल्ली बी (Prof Prakash Nagabovanalli B) ने कहा, “डिजिटल कृषि अर्थव्यवस्था (digital agricultural economy) तेजी से विकसित होने वाला क्षेत्र है जो हमारे कृषि उत्पादों के उत्पादन, प्रबंधन और वितरण के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है. हमें अपने छात्रों को डिजिटल कृषि प्रौद्योगिकियों में भविष्य के लिए तैयार करना होगा. खेती को बेहतर करने के लिए डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics), सैटेलाइट इमेजरी (Satellite Imagery)और सेंसर (Sensors)का लाभ उठाना होगा.''
एग्रो डिजिटाइजेशन (Agro digitisation benefits in Hindi) के ज़रिये फ़ूड सेफ्टी (food safety) पर ध्यान देते हुए, किसानों को सशक्त (empowering farmers) बनाया जा सकेगा.