क्या ट्रांस महिला क्रिकेटर को भारतीय महिला टीम में जगह मिलनी चाहिए? Ananya Bangar के मामले ने चयन प्रक्रिया पर खड़े किए सवाल

18 वर्षीय ट्रांस महिला क्रिकेटर Ananya Bangar ने अपनी gender test reports release कर BCCI और ICC से dialogue की मांग की है. सवाल यह है कि क्या उनके जैसे ट्रांस खिलाड़ियों को महिला टीम में जगह मिलनी चाहिए? जानिए पूरी बहस, past cases और expert opinions.

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रिसिका जोशी
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Image Credits: Google Images

भारत की क्रिकेट दुनिया में एक नई बहस सामने आई है. 18 वर्षीय ट्रांस महिला खिलाड़ी Ananya Bangar ने अपनी gender test reports सार्वजनिक कर यह सवाल उठाया है — क्या उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह दी जाएगी?

यह सवाल सिर्फ एक खिलाड़ी तक सीमित नहीं है. यह चर्चा है BCCI, ICC, और उन सभी नीतियों की जो trans cricketer के चयन को प्रभावित करती हैं. क्या प्रदर्शन काफी है, या जैविक लिंग की सीमाएं आज भी दीवार बनी हुई हैं?

Ananya Bangar ने क्या कहा?

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा:

"मैंने हर मेडिकल टेस्ट करवाया है. ICC की सभी guidelines पूरी की हैं. मेरा testosterone level भी तय सीमा के नीचे है. फिर भी मुझे कोई जवाब नहीं दिया गया."

उनकी मांग है कि चयन केवल प्रदर्शन के आधार पर हो — ना कि पहचान के आधार पर.

आंकड़ों की नजर से — ट्रांस खिलाड़ियों की स्थिति

  • दुनिया के सिर्फ 18 देशों में ऐसी नीतियां हैं जो ट्रांस खिलाड़ियों को महिला टीम में जगह देती हैं.

  • ICC की testosterone limit guideline: 5 nmol/L से कम

  • कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं जैसे World Athletics और World Rugby ने हाल ही में ट्रांस महिला खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया है.

पहले भी हुए हैं ऐसे विवाद:

  1. Laurel Hubbard (New Zealand) – पहली ट्रांस महिला जिन्‍होंने Tokyo Olympics 2021 में भाग लिया.

  2. Caster Semenya (South Africa) – gender testing की वजह से करियर प्रभावित.

  3. Dutee Chand (India) – 2014 में hyperandrogenism के कारण बैन हुई थीं, लेकिन कोर्ट से जीत हासिल की.

इन सभी मामलों ने खेल और लिंग पहचान के बीच की सीमाओं पर दुनिया भर में बहस शुरू कर दी.

BCCI और ICC की नीतियां क्या कहती हैं?

ICC की Guidelines:

  • पिछले 12 महीनों में testosterone स्तर 5 nmol/L से कम होना चाहिए

  • ट्रांजिशन की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए

  • हर 6 महीने में मेडिकल मॉनिटरिंग ज़रूरी है

BCCI:

  • अब तक कोई स्पष्ट नीति नहीं है

  • इसी वजह से कई ट्रांस खिलाड़ियों का चयन process में uncertainty है

विशेषज्ञों की राय

“खेल नीति में स्पष्टता और समावेश दोनों ज़रूरी हैं, तभी न्याय हो पाएगा.”
— के. श्रीधर, खेल नीति विशेषज्ञ

“Ananya जैसे खिलाड़ी हमें सिस्टम की कमज़ोरियां दिखा रहे हैं — अब ज़रूरत है उन्हें सुधारने की.”
— सना राज, पूर्व चयन समिति सदस्य

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मुद्दा सिर्फ चयन का नहीं, न्याय का भी है

अगर Ananya Bangar ने प्रदर्शन किया है, मेडिकल शर्तें पूरी की हैं, तो उन्हें मौका क्यों नहीं?

यह सिर्फ खेल की बात नहीं है — यह नीति, समान अवसर और पारदर्शिता की बात है.

FAQs related to Ananya Bangar

Q1: Ananya Bangar कौन हैं?

वह एक ट्रांस महिला क्रिकेटर हैं जो घरेलू स्तर पर प्रदर्शन कर चुकी हैं और भारतीय महिला टीम में जगह पाने की कोशिश कर रही हैं.

Q2: क्या ट्रांस महिलाएं महिला टीम में खेल सकती हैं?

अगर वह ICC की medical और testosterone requirements पूरी करती हैं तो हां, खेल सकती हैं.

Q3: क्या BCCI ने ट्रांस खिलाड़ियों के लिए नीति बनाई है?

अब तक कोई सार्वजनिक नीति नहीं है, इसी वजह से भ्रम और विवाद हो रहे हैं.

Q4: क्या यह पहली बार हो रहा है?

नहीं. Tokyo Olympics और कई अन्य टूर्नामेंट्स में इस मुद्दे पर विवाद हो चुका है.

Q5: चयन प्रक्रिया में क्या बदलाव ज़रूरी हैं?

नीति में पारदर्शिता, मेडिकल साइंस की समझ और लिंग के प्रति संवेदनशीलता ज़रूरी है.

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