भारत में, उद्यमिता (entrepreneurship) एक ऐसा ताकतवर अवसर बन रहा है जो सामाजिक सशक्तिकरण (social empowerment) की ओर बढ़ रहा है. उद्यमिता (entrepreneurship) से जुड़ कर समुदाय देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव (positive impact) डाल रहे हैं. ये उद्यम सामाजिक चुनौतियों (social challenges) को संबोधित कर, निचले तबके को आर्थिक आज़ादी (financial freedom) हासिल करने में मदद कर रहे हैं. अपने उद्यमों के ज़रिये चेंज मेकर्स समाज में बदलाव लाने की पहल कर रहे हैं. सचिन मनचंदा पर्यावरण संरक्षण परियोजनाओं, शिक्षा, आजीविका और कौशल विकास, युवाओं के स्किल डेवलपमेंट, ग्रामीण विकास, जल और स्वच्छता, बाल कल्याण, महिला सशक्तिकरण, और स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी सेवाओं को मज़बूती दे रहे हैं.
युवा उद्यमी कर रहे सामाजिक चुनौतियों का हल
भारत में युवा उद्यमी (young entrepreneur) वंचित समुदायों (disadvantaged communities) की जरूरतों को पूरा करने वाली पहलों पर ध्यान दे रहे हैं और सामाजिक-आर्थिक (socio-economic) अंतर को कम कर रहे हैं. सचिन मनचंदा (Sachin Manchanda) ने सचिन मनचंदा फाउंडेशन (Sachin Manchanda Foundation) के ज़रिये सामाजिक बेहतरी (social progress) की बागडोर संभाली, जिसकी स्थापना समाज के वंचित वर्गों के विकास के लिए की गई.
बिज़नेस के ज़रिये समुदाय की परेशानियां हो रही दूर
ईएसजी सिद्धांतों (ESG- एनवायर्नमेंटल, सोशल एंड गवर्नेंस) (Environmental, Social and Governance) का पालन करते हुए, उद्यमी सामाजिक मुद्दों से निपटने, ज़रूरतमंद समुदायों को सशक्त बनाने, रोजगार के अवसर पैदा करने और सामाजिक परेशानियों का नए तरीके से समाधान ढूंढ़ने का काम कर रहे हैं. इसी तरह के कदम उठाते हुए, सचिन मनचंदा फाउंडेशन शिक्षा, अच्छे स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है. इसने कई तरह के कार्यक्रम चलाए, जिनमें वंचित महिलाओं के लिए सिलाई मशीनें वितरित करना, महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रोत्साहित करना और बेघरों को कंबल और गर्म कपड़े बांटना और छात्रवृत्ति कार्यक्रम, स्वास्थ्य सहायता देखभाल समेत कई पहलें शामिल हैं.
सामाजिक विकास, महिला सशक्तिकरण, और मज़बूत अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा
भारत सामूहिक प्रयासों के ज़रिये अपनी उद्यमशीलता की क्षमता का सही उपयोग कर सकता है, समावेशी विकास को बढ़ावा दे सकता है और देश को आर्थिक आज़ादी की ओर आगे बढ़ा सकता है. उद्यमशीलता के ज़रिये सामाजिक विकास, महिला सशक्तिकरण, और मज़बूत अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पूरा हो सकता हैं.