भारत में MFI बिना किसी गारंटी के, विशेष रूप से कमजोर वर्गों तक छोटे ऋण पहुंचाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. ये ऋण गरीबी कम करने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ाने में कारगर साबित हो रहे है (women empowerment through microfinance).
“मैंने पहले ₹25 हज़ार का ऋण लिया था. इस साल, मैंने प्लास्टिक की वस्तुओं जैसे बाल्टी, बर्तन और खिलौनों से लेकर नेहा मेहंदी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने तक अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए फिर से फ्यूजन माइक्रोफाइनेंस से ऋण लिया." रूचि मित्तल ने बताया
लाखों महिलाएं Microcredit के ज़रिये शुरू कर रहीं अपना व्यवसाय
फ़्यूज़न माइक्रोफ़ाइनेंस (Fusion Microfinance), Joint Liability Model का पालन करता है, जो 2023 तक पूरे भारत में लगभग 36 लाख महिलाओं को ऋण वितरित कर चुका है. जॉइंट लायबिलिटी मॉडल (JLG) व्यक्तियों का एक समूह है जो आपसी गारंटी के साथ समूह तंत्र के ज़रिये ऋण लेने के लिए एक साथ आते हैं. MFI ऋण लेने के लिए कोलेट्रल की ज़रुरत नहीं होती.
ऐसे कई माइक्रोफाइनेंस संस्थानों ने लाखों महिलाओं को माइक्रो-क्रेडिट के ज़रिये अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने में मदद की है. इनमें से ज़्यादातर महिलाओं के पास औपचारिक बैंकिंग और संबंधित सेवाओं तक पहुंच नहीं है.
वर्कवर्स के संस्थापक सम्यक चक्रवर्ती ने बताया, "महिला उद्यमिता और आर्थिक आज़ादी को बढ़ावा देने के लिए MFI ने हमेशा गरीब महिलाओं को प्राथमिकता दी है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में."
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महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य पूरा कर रहे Microfinance संस्थान
माइक्रो इंटरप्रेन्योर (Microentrepreneur) दीप्ति भंडारी कालाढूंगी में किराना स्टोर चलाती थीं. व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उन्होंने पार्लर और बुटीक शुरू किये. "मैंने फ़्यूज़न से तीन बार ऋण लिया. पहली बार मैंने ₹40,000 का ऋण लिया था और हर महीने ₹1,700 की ईएमआई का भुगतान किया था. अब, मेरी ऋण राशि ₹60,000 है, और प्रति माह ₹2,800 की ईएमआई का भुगतान करती हूं. ऋण की मदद से मैंने एक सिलाई मशीन, एक इंटरलॉक मशीन खरीदी और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स खरीदें." दीप्ति ने साझा किया.
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Self Help Groups के ज़रिये बढ़ी MFI तक पहुंच
MFI एक ऐसे वर्ग की सेवा कर रहे हैं जहां तक पहुंचना अन्यथा मुश्किल है. प्रौद्योगिकी के आने के बाद भी, प्रभावी वितरण सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी सेवाएं अभी भी मुख्य रूप से मानव संसाधनों पर निर्भर हैं. पिछले कुछ सालों में माइक्रोफाइनेंस (Microfinance industry) क्षेत्र के कार्यबल में लगातार बढ़ोतरी हुई है.
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31 मार्च 2022 तक, कुल कार्यबल 1.95 लाख था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21% की वृद्धि है. MFI उन बहुत कम संस्थानों में से एक है जो महिलाओं की भारी संख्या को आकर्षित कर महिला सशक्तीकरण के मिशन को पूरा करता है. स्वयं सहायता समूहों (self help groups) के ज़रिये महिलाओं को उद्यमिता से जोड़कर (microfinance supporting SHG women) आर्थिक आज़ादी हासिल करने में मदद की जा रही है. माइक्रोफाइनेंस की मदद के बिना ये मुमकिन नहीं है. SHG के ज़रिये महिलाओं को छोटे ऋण तक आसान पहुंच मिल रही है.
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