इंजीनियरिंग से लेकर क्रिएटिव फील्ड में लीडरशिप भूमिकाओं तक, महिलाएं बदलाव ला रही हैं, रूढ़िवादिता को चुनौती देकर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर रही हैं. इसी तरह, मोबिलिटी सेक्टर (mobility sector) में भी महिलाओं की मौजूदगी कई लैंगिक मानदंडों (gender norms) को चुनौती दे रही हैं. जय भारती वह नाम है जिन्होंने इस सेक्टर में महिलाओं की मौजूदगी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने महिलाओं को गाड़ी चलाना सीखने और मोबिलिटी सेक्टर में नौकरियां लेने में सक्षम बनाने के लिए 2019 में MOWO (मूविंग वीमेन) सामाजिक पहल शुरू की. 2022 में, उन्होंने MOWO फ्लीट (Moving Women Fleet) की शुरुआत की, जो तकनीकी-सक्षम महिला ड्राइवरों (female drivers) का समूह है.
महिलाओं की ड्राइविंग स्किल्स (driving skills) पर सवाल उठाने वाले लोगों को मुंह तोड़ जवाब दे रही हैं MOWO फ्लीट की फीमेल ड्राइवर्स. 2019 में, जय भारती 17 हज़ार किलोमीटर के एक्सपीडिशन पर जाने वाली चार महिला राइडर्स के ग्रुप का हिस्सा बनी. उस वक़्त उन्हें समझ आया कि गतिशीलता महिलाओं के जीवन को कैसे बदल सकती है. उत्तरी थाईलैंड में उन्होंने महिलाओं को टैक्सी ड्राइवर और डिलीवरी ड्राइवर के रूप में देखा. ऐसा कुछ भारत में भी किया जा सकता है- इस ख़्याल को सपने में, और सपने को हकीकत में बदला MOWO के साथ.
महिलाओं को मोबिलिटी सेक्टर में रोज़गार दे रहा MOWO
MOWO (मूविंग वुमेन) सोशल इनिशिएटिव्स, एक गैर-लाभकारी संगठन है जो महिलाओं को मोबिलिटी सेक्टर (women in mobility sector) में रोज़गार के ज़रिये सशक्त बना रहा है. जय भारती (Jai Bharathi) पेशे से आर्किटेक्ट (architect) है और बाइक राइडिंग (female bike rider) का जुनून रखती है. वह 2030 तक दस लाख महिलाओं को गतिशीलता में सक्षम बनाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है. उनका मानना है कि इस पहल में निम्न आय वर्ग की महिलाओं को शामिल करना ज़रूरी है, जिनके पास स्कूटर तक नहीं है. मोबिलिटी सेक्टर में रोज़गार इन महिलाओं के लिए आर्थिक आज़ादी (financial freedom) हासिल करने के अवसर खोल सकती हैं.
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जय भारती कहती है कि ड्राइविंग स्किल सीख महिलाएं वह कर सकती हैं जो वह चाहती हैं - अपना व्यवसाय शुरू कर सकती हैं, अपने बच्चों को स्कूल छोड़ सकती हैं, या इस स्किल को आजीविका कौशल के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं. अब तक, MOWO हैदराबाद (Hyderabad) में 2,500 से ज़्यादा महिलाओं को दोपहिया वाहन चलाने और 200 से ज़्यादा महिलाओं को इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा चलाने के लिए ट्रेनिंग दे चुका है. MOWO सोशल महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए तेलंगाना (Telangana) सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग (Women and Child Welfare Department) के मोटर ट्रेनिंग सेंटर का सहयोग लेता है. स्टार्टअप ने 50 महिलाओं को ब्लू डार्ट और उबर में जॉब हासिल करने में भी मदद की.
सस्टेनेबल स्टार्टअप पर्यावरण का भी रख रहा ध्यान
इनमें से ज़्यादातर महिलाएं पहली बार नौकरी हासिल कर परिवार की आय में सीधे 50% की बढ़ोतरी कर रही हैं. वह लगभग 15,000-17,000 रुपये कमा रही हैं. MOWO फ्लीट पूरी तरह से ईवी है, जिससे फ्यूल की बचत होती है और पर्यावरण पर किसी भी तरह का गलत प्रभाव नहीं पड़ता. यह सस्टेनेबल स्टार्टअप (sustainable startup) पर्यावरण को ध्यान में रख फीमेल ड्राइवर्स से जुड़े मानदंडों को तोड़ते हुए, मोबिलिटी सेक्टर में भारी बदलाव ला रहा है.
ऐसे कई और स्टार्टअप्स ट्रेडिशनल बिज़नेस तरीकों में बदलाव लाने के साथ ग्रीन और क्लीन भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं. रविवार विचार ऐसे सस्टेनेबल स्टार्टअप्स की जानकारी साझा करता रहेगा.